श्वेत क्रांति नहीं ला सकी कामधेनु और गोकुल योजना
पूर्व की सरकार के कार्यकाल में शुरू कामधेनु और गोकुल योजना हुई थी। अब कई इकाइयों में ताले लटक गए हैं।
जासं, मैनपुरी: पूर्व सरकार की कामधेनु योजना श्वेत क्रांति लाने से पहले ही बंद हो गई तो दूसरी योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। भाजपा सरकार केवल गोपालन और गोवंश संरक्षण पर ध्यान दे रही है।
सपा सरकार ने दुग्ध क्रांति को बढ़ावा देने के लिए सत्ता में आने के बाद कामधेनु योजना शुरू की थी। दुधारु पशुओं की इकाई स्थापित करने को बैंक से लोन और 12 फीसद तक ब्याज की भरपाई पशुपालन विभाग द्वारा की जाती थी। इसके तहत जिले में सौ पशु की पांच, 50 पशु की 30 और 25 पशुओं की 40 इकाइयां स्थापित हुईं। कुछ दिलों बाद ही ये घाटे में पहुंचने लगीं और एक-एक कर बंद होती गई। मौजूदा समय जिले में संचालित सौ पशुओं वाली इकाइयां बंद हो चुकी हैं, जबकि 50 पशु की महज एक और 25 पशुओं की 15 इकाई ही संचालित हो रही हैं।
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भाजपा सरकार में केवल गो सुपुर्दगी
भाजपा सरकार के कार्यकाल में दूध बढ़ाने को कोई योजना धरातल पर साकार नहीं हो सकी है। केवल बेसहारा गोवंश को गोकुल योजना में सहेजने का काम हुआ, सरकारी गो संरक्षण केंद्र जरूर खोले गए। अब इन गोशाला से गायों को जरूर मुख्यमंत्री गो संवर्द्धन योजना में 30 रुपये रोज के हिसाब से पालक को दिए जा रहे हैं।
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कामधेनु योजना पूर्व में ही बंद कर दी गई हैं। इसके स्थान पर नई योजना नहीं आई है। वर्तमान में गो संरक्षण का काम हो रहा है। गो संरक्षण केंद्रों से दुधारू गायों को सुपुर्दगी में देने का काम किया जा रहा है।
-डा. पीके शर्मा, सीवीओ आज होगी आनलाइन संगोष्ठी
विश्व दुग्ध दिवस पर मंगलवार दोपहर 12 से एक बजे बजे तक कृषि विज्ञान केंद्र आनलाइन संगोष्ठी आयोजित करेगा। केंद्र के पशु पालन विज्ञानी डा. संजय कुमार पांडेय ने किसान और पशुपालकों से संगोष्ठी में समय से प्रतिभाग कर वैज्ञानिक- अधिकारियों द्वारा बताई जाने वाली तकनीकी से पशुपालन को लाभदायक और रोजगारपरक बनाने की अपील की है। यह संगोष्ठी जूम एप के जरिये होगी।