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चौकिए मत, ये भी सरकारी स्कूल है साहब, यहां मिलती तमाम सुविधाएं

मैनपुरी वीरभान सिंह। विकास खंड सुल्तानगंज का प्राथमिक विद्यालय रजवाना अनोखे प्रयोग को लेकर चर्चाओं में है। निजी स्कूलों की तर्ज पर यहां एडमिशन फॉर्म छपवाए गए हैं। शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बता रहे हैं। सिर्फ आठ दिनों में ही परिषदीय स्कूल में बच्चों के दाखिले के लिए 40 अभिभावक फॉर्म भरकर जमा कर चुके हैं। हालांकि कमरों की कमी की वजह से सिर्फ 25 का ही दाखिला हो सका है। प्रधानाध्यापक इशरत अली का कहना है कि स्कूल में जगह कम है। इसके बावजूद छात्र संख्या 216 हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:12 AM (IST)
चौकिए मत, ये भी सरकारी स्कूल है साहब, यहां मिलती तमाम सुविधाएं
चौकिए मत, ये भी सरकारी स्कूल है साहब, यहां मिलती तमाम सुविधाएं

वीरभान सिंह, मैनपुरी : विकास खंड सुल्तानगंज का प्राथमिक विद्यालय रजवाना अनोखे प्रयोग को लेकर चर्चाओं में है। निजी स्कूलों की तर्ज पर यहां एडमिशन फॉर्म छपवाए गए हैं। शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बता रहे हैं। सिर्फ आठ दिनों में ही परिषदीय स्कूल में बच्चों के दाखिले के लिए 40 अभिभावक फॉर्म भरकर जमा कर चुके हैं। हालांकि कमरों की कमी की वजह से सिर्फ 25 का ही दाखिला हो सका है। प्रधानाध्यापक इशरत अली का कहना है कि स्कूल में जगह कम है। इसके बावजूद छात्र संख्या 216 हो चुकी है।

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कवर पेपर के जरिए अभिभावकों से अपील:प्रधानाध्यापक पिछले चार वर्षों से निजी खर्च पर कवर पेपर छपवा रहे हैं। इस पर लिखा है कि अभिभावक बच्चों को रोजाना साफ-सुथरे ढंग से स्कूल भेजें। समय मिलने पर स्कूल आकर बच्चों की प्रगति का जायजा लें। हर महीने होने वाली एसएमसी की बैठक में आएं और अपने सुझाव जरूर दें। कुछ सीखने की उम्र में बच्चों से काम न कराएं।

अधिकारी भी कर रहे सराहना: परिषदीय स्कूलों में एडमिशन फॉर्म की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रावि रजवाना में प्रवेश फार्म छपवाने की शुरुआत की अधिकारी भी सराहना कर रहे हैं। प्रधानाध्यापक इशरत अली का कहना है कि शुरुआत में उन्होंने एक सैकड़ा फॉर्म छपवाए हैं। इसमें बच्चे व उसके परिवार की पूरी जानकारी मांगी जा रही है।

फेसबुक पर बनाया पेज: प्रधानाध्यापक ने फेसबुक पर प्राथमिक पाठशाला रजवाना सुल्तानगंज मैनपुरी के नाम से एक पेज बनाया है। इस पेज को मैनपुरी के अलावा दूसरे जिलों के 3481 लोग फॉलो कर रहे हैं।

सोशल हो रहे दूसरे स्कूल:प्रावि रजवाना से शुरू हुआ प्रयास अब जिले के दूसरे परिषदीय स्कूलों को भी अपने साथ जोड़ चुका है। प्रावि बदनपुर, प्रावि भांवत जागीर, प्रावि डांडा करहल, प्रावि निहालपुर, प्रावि बडे़री, प्रावि पुरैया बेवर, प्रावि चनेपुर छबीलेपुर बेवर ने भी फेसबुक पर अपने पेज बना लिए हैं।

लुभा रहे सांप-सीढ़ी व लूडो:निजी स्कूल जहां प्रोजेक्टर और स्मार्ट क्लास के नाम पर अभिभावकों को बरगला रहे हैं, वहीं रजवाना के सरकारी स्कूल में सांप-सीढ़ी और लूडो बच्चों को लुभा रहा है। बच्चे खेलने के बहाने पढ़ रहे हैं।

'वाकई यह नया प्रयास है। इसका असर दिख रहा है। शिक्षकों की लगन की वजह से परिषदीय स्कूलों के प्रति लोगों की सोच बदली है। बजट आते ही कमरे भी बनवाए जाएंगे। निजी स्तर पर जो भी मदद होगी, वो मुहैया कराई जाएगी'। विजय प्रताप सिंह, बीएसए, मैनपुरी।


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