खेलों में बढ़ाएं रूचि, जीते और मेडल:डीएम
अधिकारियों बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह, व्यायाम शिक्षक किए गए सम्मानित
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। खेलों में रूचि बढ़ाने से ही जिला का नाम रोशन होगा। प्रतिभाओं को निखारने से खिलाड़ी बनेंगे और मेडल आएगे। इसलिए अभिभावक ऐसे विद्यार्थियों को प्रेरणा देकर आगे बढ़ाए।
यह बात डीएम प्रदीप कुमार ने कही। वे बुधवार को स्काउट गाइड भवन में बेसिक शिक्षा विभाग की मंडलीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने वाले विद्यार्थियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। एसपी अजय शंकर राय ने कहा कि अभिभावकों की प्रेरणा से ही बच्चे आगे बढ़ सकते हैं। कार्यक्रम संयोजक मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक अवध किशोर ¨सह और सह संयोजक बीएसए विजय प्रताप रहे।
कार्यक्रम में राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में आगरा मंडल के विजेता 33 विद्यार्थियों में से 12 को पदक मिले, इनमें चार स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक जीतने वाले विद्यार्थियों को गिफ्ट और पदक देकर अधिकारियों ने सम्मानित किया। इन विजेता विद्यार्थियों में से 29 खिलाड़ी और कुल 12 पदों में से 8 पदक मैनपुरी के विद्यार्थियों को मिलने पर सभी को सम्मानित किया गया।
इस दौरान मैनपुरी, आगरा और फिरोजाबाद के जनपदों के व्यायाम शिक्षकों को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।विजेता विद्यार्थियों के अभिभावकों को खंड शिक्षा अधिकारियों ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में राज्य स्तर खेलकूद प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थयों के अलावा मंडलीय प्रतियोगिता के विजेता 123 विद्यार्थियों को सम्मानित किया। संचालन खंड शिक्षा अधिकारी सुमित कुमार ने किया।
सम्मानित होने वाले व्यायाम शिक्षकों में राकेश कुमार, चुन्नी देवी, पूनम गुप्ता, कृष्ण कुमार और राम प्रकाश यादव के अलावा दूसरे जनपदों के शिक्षक शामिल रहे। इसके साथ ही राज्य स्तर पर विजेता रही टीमों के कोच राममूर्ति, पवन कुशवाह, आशीष सक्सेना, विवेक कुमार, जितेंद्र कुमार को भी प्रशस्ति और प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी जेपी पाल, नरेंद्र यादव, सुमित कुमार ¨सह, राम शंकर कुरील, शैलेंद्र कुमार उत्तम को भी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ने प्रतीक चिन्ह दिए। इससे पहले विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, एकांकी और अंताक्षरी प्रस्तुत की।
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अतिथि के इंतजार में सिकुड़े छात्र
कार्यक्रम के अतिथि डीएम थे। शुरूआत दोपहर 12 बजे से होने थी। दोपहर दो बजे तक अतिथि नहीं आए तो घोष को आए विद्या मंदिर के छात्र लौट गए, जबकि पाठशाला के बच्चे फूलों को लेकर सिकुड़े बैठे रहे। वैसे अनौपचारिक कार्यक्रम समय पर शुरू हुआ था।