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हड़ताल पर संविदा कर्मी, चरमराईं स्वास्थ्य सेवा

एनएचएम से जुडे़ संविदा स्वास्थ्य कर्मी लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। मांगों को लेकर जिद पर अडे़ कर्मचारियों की हड़ताल का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा। न डॉक्टर मिलें और न ही कर्मचारी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 10:36 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 10:36 PM (IST)
हड़ताल पर संविदा कर्मी, चरमराईं स्वास्थ्य सेवा
हड़ताल पर संविदा कर्मी, चरमराईं स्वास्थ्य सेवा

मैनपुरी (जागरण संवाददाता) । एनएचएम से जुडे़ संविदा स्वास्थ्य कर्मी लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर मिले और न ही कर्मचारी। जिला अस्पताल की तो स्थिति ही खराब दिखी। डॉक्टरों की तलाश में मरीज दिन भर भटकते रहे। परेशान होकर प्राइवेट चिकित्सकों की शरण लेनी पड़ी। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाले जिम्मेदार अधिकारी कोई वैकल्पिक इंतजाम भी न कर सके। आयुष ¨वग में ताला, एनसीडी स्टाफ भी गायब

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जिला अस्पताल परिसर में ही संचालित आयुष ¨वग और एनसीडी क्लीनिक में मंगलवार को ताला लटका रहा। मरीजों के ब्लड प्रेशर, सुगर और वजन की माप भी नहीं हो सकी। आयुष ¨वग में ताला लगा होने के कारण कुत्तों और बंदरों के शिकार मरीजों को भी दिक्कतों से जूझना पड़ा। ब्लड बैंक, पोषण पुनर्वास कक्ष, तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के अलावा पूछताछ केंद्र और कंप्यूटर सेवाएं भी पूरी तरह से ठप रहीं। 1300 संविदा कर्मी लामबंद

मांगों को लेकर एनएचएम के 41 अलग-अलग कैडरों से जुडे़ 1300 संविदा स्वास्थ्य कर्मी मंगलवार को हड़ताल में शामिल हुए। इनमें चिकित्सक, पैरामेडिकल, नॉन मेडिकल, आशा कार्यकर्ता, लेखा संवर्ग, मैनेजमेंट संवर्ग, मेंटोर, कंप्यूटर व दूसरे तकनीकी संवर्ग के कर्मचारियों ने हड़ताल की। ठंडे पडे़ राष्ट्रीय अभियान

स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का असर सरकार के राष्ट्रीय अभियानों पर पड़ा। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण टीकाकरण, रिपोर्टिंग, दैनिक राजकीय कार्य, भुगतान और प्रसव सहित दूसरी सेवाएं बाधित रहीं। मीजल्स, रूबैला अभियान भी खटाई में दिखा। आशाओं के हड़ताल को समर्थन के चलते प्रसव की प्रक्रिया भी प्रभावित रही। अबकी हम नहीं सरकार झुकेगी

सीएमओ कार्यालय परिसर में हड़ताली कर्मियों को संबोधित करते हुए डॉ. आनंद प्रकाश शाक्य ने कहा कि सरकार मनमानी पर उतारू है तो हम भी अब जिद पर अड़ चुके हैं। नियमितीकरण के लिए जहां तक लड़ना पडे़गा हम लड़ेंगे। यदि सरकार न झुकी तो आगामी लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना होगा। हमें समान काम के बदले समान वेतन चाहिए। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार को चेतावनी दी। इस मौके पर संदीप चौहान, विमलेश, डॉ. ओम कुमार ¨सह, अंबरीश यादव, हंसमुखी, हिमांशी यादव, गिरजा यादव, डॉ. अनुराग यादव, डॉ. इम्तियाज अहमद, ¨बदु कुशवाह, अभय प्रताप ¨सह, संजय पंकज शर्मा आदि मौजूद थे।


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