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अधूरे इंतजामों के साथ शुरु हुईं परिषदीय स्कूलों की अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षाएं

पहले ही दिन ज्यादातर बच्चे रहे गायब, नहीं दिखे जिम्मेदार।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 08:49 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 08:49 PM (IST)
अधूरे इंतजामों के साथ शुरु हुईं परिषदीय स्कूलों की अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षाएं
अधूरे इंतजामों के साथ शुरु हुईं परिषदीय स्कूलों की अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षाएं

²श्य एक : प्राथमिक विद्यालय नगला पजाबा में पंजीकृत 47 बच्चों में से 10 पहले पेपर में ही गायब रहे। यहां कुछ बच्चों ने उत्तर पुस्तिकाओं से देखकर सवाल हल किए। प्रधानाध्यापिका विश्वलता चौहान का कहना है कि पूरे विद्यालय में दूसरा कोई सहायक अध्यापक न होने की वजह से परेशानी होती है। ²श्य दो : प्राथमिक विद्यालय गोला बाजार का हाल भी अलग न था। पंजीकृत 138 में से 18 बच्चे गायब रहे। प्रधानाध्यापिका गीतिका सक्सेना और सहायक अध्यापिका जरीना बानो की देखरेख में ¨हदी का पेपर संपन्न हुआ। ²श्य तीन : औंछा क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय पड़रिया में तो हद ही हो गई। यहां 85 में से मात्र 54 बच्चे ही स्कूल आए थे। यहां बच्चों को किताब खोलकर उत्तर लिखवाए जा रहे थे। प्राथमिक विद्यालय नगला आंध्रा में तो कक्षा तीन के बच्चों का पेपर संकुल केंद्र से भेजा ही नहीं गया। प्रधानाध्यापिका कमला देवी की शिकायत पर भी सुनवाई न हुई। ²श्य चार : विकास खंड जागीर के प्राथमिक विद्यालय अजीतगंज में पहले दिन 83 में से सिर्फ 68 बच्चे ही स्कूल पहुंचे। बाकी बच्चों ने परीक्षा छोड़ दी। मैनपुरी : सोमवार से शुरू हुईं परिषदीय स्कूलों की अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा में पहले दिन ¨हदी के पेपर में ही विभागीय अव्यवस्था देखने को मिली। लगभग 35 फीसद बच्चे परीक्षा में पहुंचे ही नहीं। शिक्षक इसके पीछे असली वजह अधूरे कोर्स और सुविधाओं में कमी को बता रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि देर से पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराए जाने की वजह से कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। संकुल केंद्रों पर हो रही व्यवस्थाएं

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बीएसए विजय प्रताप ¨सह ने बताया कि अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा संपन्न कराने के लिए संकुल केंद्रों से पेपर पहुंचाए जाने की व्यवस्था है। परीक्षा को संपन्न कराने के लिए सभी एबीएसए और प्रधानाध्यापकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभिभावकों से भी अपील की गई है कि वे अपने बच्चों को विद्यालय भेजें। जो बच्चे परीक्षा में नहीं बैठेंगे, उनके अभिभावकों को बुलाकर बाद में उनके साथ बैठक की जाएगी।


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