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खुशखबरी, 100 शैय्या अस्पताल का सपना हुआ साकार

आज से शुरू होंगी ओपीडी सेवाएं अस्पताल प्रशासन की तैयारियां पूरीं जुलाई के अंत तक सुचारू हो जाएंगी दूसरी सेवाएं कमरे हुए तैयार।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 09:26 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 09:26 PM (IST)
खुशखबरी, 100 शैय्या अस्पताल का सपना हुआ साकार
खुशखबरी, 100 शैय्या अस्पताल का सपना हुआ साकार

मैनपुरी, जागरण संवाददाता। सपा सरकार ने जिस 100 शैय्या के सपना को संजोया था, दो साल के इंतजार के बाद भाजपा सरकार उसे साकार करने जा रही है। आज से 100 शैय्या एवं महिला अस्पताल की ओपीडी सेवाओं को शुरू कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जितने संसाधन हैं, उनसे ओपीडी चालू कराई जा रही है। दूसरी जरूरी सेवाओं को जुलाई के अंत तक प्रारंभ करा दिया जाएगा।

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जिला महिला चिकित्सालय के पीछे 100 शैय्या अस्पताल का निर्माण तत्कालीन सपा सरकार ने कराया था। 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद से भवन को उद्घाटन का इंतजार था। लेकिन, अब यह इंतजार खत्म हो गया है। शासन के हस्तक्षेप से विग को शुरू कराया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके पचौरी का कहना है कि जो सुविधाएं हैं, उनसे ओपीडी सेवा चालू कर दी जाएगी। महिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से यहां उपचार दिलाया जाएगा। असुविधा न हो, इसके लिए विग में बने सभी कक्षों में चिकित्सकों के बैठने के इंतजाम कराए गए हैं। फिलहाल दवाएं भी यहीं से उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रयास है कि इस माह के अंत तक ऑपरेशन थियेटर, अल्ट्रासाउंड और दूसरी इमरजेंसी सेवाओं को भी चालू कराया जाए। फरवरी में ही हो गई थी शुरुआत

शासन के निर्देश पर फरवरी 2019 में संयुक्त निदेशक लखनऊ डॉ. रंजना शर्मा ने कैंपस का निरीक्षण कर सूची सरकार को सौंपी थी। उसके कुछ दिनों बाद ही 80 बिस्तरों की बड़ी खेप भेज दी गई थी। फिर मई में दोबारा निरीक्षण कर सुविधाओं और व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। फिलहाल हैं सिर्फ तीन चिकित्सक

100 शैय्या विग में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. निशिता यादव के अलावा बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र कुमार और चिकित्साधिकारी डॉ. अभिषेक द्विवेदी की तैनाती है। व्यवस्था न होने की वजह से स्त्री रोग विशेषज्ञ तो महिला अस्पताल में ही मरीजों को उपचार दे रही हैं लेकिन बाल रोग विशेषज्ञ की देखरेख में विग के एक कक्ष में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। अब इन सभी के 100 शैय्या अस्पताल में ही बैठने के प्रबंध कराए गए हैं। 'कार्पोरेशन से ज्यादातर उपकरण आने हैं। अधिकांश आ चुके हैं जिन्हें स्थापित कराया जा रहा है। फार्मेसिस्ट और स्टाफ नर्स के साथ जो भी चिकित्सक हैं, उनकी मदद से ओपीडी शुरू कराई जा रही है।'

डॉ. एके पचौरी, सीएमएस, महिला अस्पताल।


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