फोरेंसिक टीम संग एसआइटी ने रीक्रिएट किया क्राइम सीन
छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड जांच प्रक्रिया के दौरान पहली बार सोमवार को स्कूल में पहुंची फोरेंसिक टीम ढाई घंटे तक घटना स्थल पर जांच में जुटे रहे एसआइटी के सदस्य
संसू, भोगांव : छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड की सच्चाई जानने के लिए तफ्तीश में जुटे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने सोमवार को हास्टल में जाकर क्राइम सीन को री-क्रिएट किया। फोरेंसिक टीम के साथ कई घंटों हास्टल के कमरे में जाकर बारीकी से जांच पड़ताल की गई। एसआइटी के सदस्यों ने गवाहों के बयान के आधार पर क्राइम सीन को लंबे समय तक री-क्रिएट कर घटना की अनसुलझे पहलुओं को जानने का प्रयास किया।
भोगांव के एक स्कूल में 11वीं की छात्रा की हत्या और दुष्कर्म के मामले का राजफाश करने में जुटी एसआइटी के सदस्यों ने सोमवार सुबह 11 बजे स्कूल में दस्तक दी। फोरेंसिक टीम के विशेषज्ञों को साथ लेकर पहुंची एसआइटी ने सबसे पहले हास्टल के उस कमरे की ओर रुख किया, जहां पर छात्रा का शव फंदे से झूलता मिला था। फोरेंसिक टीम ने गवाहों के बयानों के आधार पर पूरे क्राइम सीन को दोबारा एक घंटे तक री-क्रिएट किया। हास्टल में जांच पड़ताल के बाद एसआइटी के सदस्यों ने स्कूल के कार्यालय में आकर स्टाफ से दोबारा पूछताछ की। एसआइटी में शामिल स्पेशल टास्क फोर्स के एएसपी राकेश यादव, सीओ तनु उपाध्याय, सीओ श्यामकांत ने एक घंटे तक पुराने अभिलेखों को खंगाला। एसआइटी की जांच के दौरान हास्टल के आसपास छात्राओं का आवागमन रोक दिया गया। दो घंटे से ज्यादा की पड़ताल के बाद कार्यालय से जरूरी अभिलेख लेकर टीम सर्किट हाउस रवाना हो गई। छात्रा को पढ़ाने वाले प्रवक्ताओं से पूछताछ
एसआइटी ने सोमवार को स्कूल में छात्रा की कक्षा में उपस्थिति व उसे पढ़ाने वाले प्रवक्ताओं से स्कूल कार्यालय में पूछताछ की। सीओ तनु उपाध्याय ने छात्रा के विषय वार शिक्षकों से अलग-अलग सवाल कर उनके द्वारा छात्रा के साथ किए जाने वाले व्यवहार को लेकर जानकारी जुटाई। सीओ की टीम ने प्रत्येक विषय के शिक्षकों से क्लास के समय, समय सारिणी व अन्य छात्राओं के साथ मृतक छात्रा के व्यवहार को लेकर गहनता से पूछताछ की। - सीडीआर खंगालने को बुलाई सर्विलांस टीम
एसआइटी ने स्कूल में सोमवार को सर्विलांस टीम को भी एक्टिव कर दिया। सर्विलांस सेल के तेज तर्रार अधिकारियों ने घटना से लेकर अब तक जांच के दायरे में आए लोगों की काल डिटेल रिकार्ड को खंगालने का प्रयास किया। स्कूल की वार्डन से छात्रावास में प्रयोग होने वाले मोबाइल नंबरों को जुटाने के बाद अब टीम इनकमिग और आउटगोइंग का डाटा जुटाएगी।