बेटी की बरात नहीं आई तो पिता ने फांसी लगाई
बेटी की बरात नहीं आई तो पिता ने फांसी लगा ली। दहेज में डेढ़ लाख रुपये न मिलने पर दूल्हा ने किया था शादी से इन्कार, मुख्यमंत्री विवाह योजना में होना था विवाह, दिनभर हुआ था इंतजार।
मैनपुरी (जागरण संवाददाता) । दुल्हन हाथों में मेंहदी लगाए बैठी रही और दहेज लोभी दूल्हे ने शादी से इंकार कर दिया। अपमान से क्षुब्ध दुल्हन के पिता ने खुदकशी कर ली तो दूल्हा शादी के लिए तैयार हो गया। एक ओर पिता का शव रखा था तो दूसरी ओर कोर्ट मैरिज हो रही थी। मामला निपटा तो परिजनों ने बिना कार्रवाई के शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
किशनी क्षेत्र के गांव सकरा निवासी मान¨सह ने अपनी पुत्री मोनी का विवाह बिछवां क्षेत्र गांव धनमऊ के अतुल के साथ तय किया था। गरीब होने के कारण मान¨सह ने बेटी का विवाह मुख्यमंत्री विवाह योजना में कराने का निर्णय लिया था। दूल्हा पक्ष भी तैयार था। गुरुवार को मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत विवाह समारोह का आयोजन हुआ। मान¨सह अपनी पुत्री व परिजनों के साथ सुबह ही विवाह पंडाल में पहुंच गए। दूल्हा पक्ष नहीं आया तो मान¨सह ने फोन किया। दूल्हा पक्ष ने दहेज में डेढ़ लाख रुपये की मांग की। मान¨सह ने दहेज देने में असमर्थता जताई तो दूल्हा पक्ष ने बारात लाने से इंकार कर दिया। दिनभर दूल्हा पक्ष की मान मनोबल चलती रही। वह नहीं माना तो शाम को मान¨सह परिवार सहित घर लौट गए।
बरात न आने से वे व्यथित थे। मुहल्ले के लोगों ने उपहास उड़ाया तो अपमान सह न सके। रात में ही घर से निकल गए। गांव के प्राथमिक विद्यालय के जंगले में फंदे से लटककर खुदकशी कर ली। गांव की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर दूल्हा पक्ष भी आ गया। दूल्हा ने अपनी गलती मानी। शादी करने की इच्छा जताई तो दुल्हन पक्ष भी राजी हो गए। दोनों पक्ष के कुछ लोग दूल्हा-दुल्हन को लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे। कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन कर दिया। तब तक शव रखा रहा। उनके लौटने के बाद बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस को भी सूचना नहीं दी गई। नौ फरवरी को फिर मुख्यमंत्री विवाह योजना का कार्यक्रम होगा। उसमें दोनों का विवाह कराया जाएगा। गुरुवार को दूल्हे के शादी के लिए न आने पर डीएम ने भी नोटिस भेजा है। इसको लेकर भी दूल्हा पक्ष में खलबली है।