ड्यूटी कटवाने के लिए जोरआजमाइश तेज
पंचायत चुनाव की ड्यूटी कटवाने को लोगों द्वारा तिकड़म लगाई जा रही है। पत्नी ने पति की ड्यूटी लगने की बात का हवाला दिया।
जासं, मैनपुरी:
केस-एक-
सुल्तानगंज ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका मंजू ने आवेदन दिया है। कहा है कि पति पीओ बनाए गए हैं, उनको भी पी-वन कार्मिक की जिम्मेदारी दी गई है। बच्चे छोटे हैं, दोनों के ड्यूटी पर होने से दिक्कत होगी।
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केस- दो-
प्राथमिक विद्यालय रूई में तैनात आरती ने प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि उनको चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है। बच्चा छोटा है। सात माह के बच्चे को स्तनपान कराना होता है। ड्यूटी के दौरान परेशानी होगी। कुछ ऐसे ही आवेदनों के साथ चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए शुक्रवार को विकास भवन में भीड़ बढ़ गई है। कोई अस्वस्थ होने के कारण तो कोई बच्चे की परीक्षा का हवाला देकर ड्यूटी न कर सकने की बात कह रहा है। मतदान प्रक्रिया पूरी कराने के लिए विभिन्न विभागों के करीब 12 हजार कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है। शुक्रवार से शुरू हुए प्रशिक्षण के लिए कार्मिकों को जैसे ही ड्यूटी लेटर जारी हुआ, वैसे ही विकास भवन में भीड़ बढ़ गई। गुरुवार के बाद शुक्रवार को भारी संख्या में कार्मिकों ने पहुंचकर ड्यूटी कटवाने के लिए आवेदन पत्र जमा किए। विकास भवन के एक अधिकारी कहते हैं कि सभी कर्मचारियों की सैलरी पांच अंकों में है। इसके बाद भी काम नहीं करना चाहते हैं। ड्यूटी कटवाने का कारण मानसिक रूप से अस्वस्थ बताते हैं। सवाल उठता है कि अगर ऐसा है तो नौकरी कैसे कर रहे हैं। जब गर्भवती हो चुकी हैं तो चाइल्ड लीव क्यों नहीं लेती।
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कुछ ऐसे भी आवेदन-
मैं 22 दिन की गर्भवती हूं, मतदान में ड्यूटी के दौरान परेशानी होगी। इसलिए इससे मुक्ति दी जाए। दो महीने का गर्भ हो चुका है, चिकित्सक ने भारी काम से मना किया है, इसलिए मुझे चुनाव के दायित्व से मुक्त किया जाए।
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आपकी ड्यूटी नहीं कटेगी-
भारी तादात में आए आवेदनों को विकास भवन में जमा कराया गया। कर्मचारी विजय शर्मा ऐसे आवेदन करने वालों को फोन करके ड्यूटी नहीं कटने को फोन कर रहे थे, जबकि सर्वेश दुबे आवेदनों को एकत्र करने में जुटे थे। आशुलिपिक सर्वेश शर्मा इनको दर्ज करवाने का काम करने में जुटे थे। शुक्रवार को ही तीन सौ अधिक आवेदन आए।
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मेडिकल बोर्ड भेजे मामले-
सीडीओ ने करीब चार सौ अधिक ऐसे मामलों में से 150 को सीएमओ के पास भेजा। शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय में मेडिकल बोर्ड में शामिल चिकित्सकों ने ऐसे आवेदकों की जांच की।
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चुनाव आयोग के निर्देश पर ही ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव का काम भी महत्वपूर्ण हैं, ज्यादा गंभीर मामलों को मेडिकल बोर्ड भेजा रहा है।
- ईशा प्रिया, उप जिला निर्वाचन अधिकारी।