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कंक्रीट के जंगल में खो गई ईशन नदी

किनारे पर कॉलोनियों तक का हो गया निर्माण सिमट गई नदी की नदी एक भी न हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 10:55 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 06:06 AM (IST)
कंक्रीट के जंगल में खो गई ईशन नदी
कंक्रीट के जंगल में खो गई ईशन नदी

मैनपुरी, जासं। अवैध निर्माण के खेल ने शहर के बीचोंबीच से गुजरने वाली ऐतिहासिक ईशन नदी के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा कर दिया है। नदी सिमट तो रही ही है, इसका मूल स्वरूप तक प्रभावित हो रहा है। यहां वर्षो से दनादन अवैध निर्माण हो रहे हैं। अतिक्रमण कर डूब क्षेत्र की भूमि पर निर्माण के मामले तो हैं ही, कई कॉलोनियां तक बना दी गई हैं।

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ईशन नदी कुछ साल पहले तक पूरे आकार और बहाव में नजर आती थी, परंतु अब अवैध निर्माणों से सिमटकर नाले में तब्दील हो चुकी है।

शीतला देवी से लेकर जिला कारागार तक के हिस्से में तो इसका अस्तित्व खत्म ही होने के कगार पर है। नदी से करीब 500 मीटर का दायरा डूब क्षेत्र में आता है। नियमानुसार डूब क्षेत्र में कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकता, परंतु नदी के दोनों किनारों पर अवैध इमारतें खड़ी हो चुकी हैं। यह सिलसिला अब भी जारी है। बिना नक्शा पास कराए धड़ल्ले से कॉलोनियों का निर्माण कराया जा रहा है। श्मशान घाट रोड, जेल रोड, दीवानी रोड, नगरिया, चांदेश्वर आश्रम मार्ग, नगला पजाबा सहित कई स्थानों पर कॉलोनियां बसाकर प्लाटिग की जा चुकी है। नोटिसों से आगे नहीं बढ़ी कार्रवाई:

जिले में विनियमित क्षेत्र प्राधिकारी से निर्माण की अनुमति लेकर नक्शा पास कराना अनिवार्य है। अवैध निर्माण पर ध्वस्तीकरण तक की कार्रवाई की जा सकती है, परंतु विनियमित क्षेत्र कार्यालय से पूर्व में केवल नोटिस ही जारी होते रहे हैं। एक भी अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन ने मांगा है निर्माण और नोटिसों का ब्योरा

जिला प्रशासन ने विनियमित क्षेत्र अधिकारी से डूब क्षेत्र में हुए सभी निर्माणों की जानकारी मांगी है। पूर्व में जारी हुए नोटिस और उन पर हुई कार्रवाई का ब्योरा भी तलब किया गया है। विनियमित क्षेत्र अधिकारी पीके दीक्षित ने बताया कि अवैध निर्माणों की सूची तैयार कराकर नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई कराई जाएगी।


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