चहेतों को आवास बांटने में 11 सचिवों पर कार्रवाई
पूर्व में आवास लेने वालों को 13 सचिवों ने बनाया था पात्र चार पक्के आवास वाले व्यक्ति को भी दिलाया आवास वसूली
जासं, मैनपुरी: चहेतों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने वाले 11 सचिवों पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। सभी के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि की गई है। एक सचिव ने चार पक्के मकान के मालिक तक को योजना का लाभ दे दिया। इस सचिव के वेतन से वसूली की जा रही है। मामला पकड़ में आने के बाद करीब 20 अपात्र ग्रामीणों से पहली किस्त की धनराशि वापस लेकर शासन को भेजी गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए आवेदन करने वालों की जांच का जिम्मा ग्राम पचायतों में तैनात सचिवों पर होता है, लेकिन प्रधान और सचिव इसमें मनमानी करते हैं। जिले के 11 सचिवों ने पूर्व में आवास हासिल कर चुके ग्रामीणों के 24 से ज्यादा स्वजन को आवास योजना का लाभ दे दिया। पहली किस्त भी जारी कर दी गई। इसके बाद जांच हुई तो मामला पकड़ में आया। जांच में सामने आया कि जिन ग्रामीणों को वर्ष 1991 से 2005 के बीच में आवास योजना का लाभ मिला था, उनको दोबारा पात्र बना दिया गया। वहीं ऐसे लोग जो पूर्व में योजना का लाभ ले चुके थे, उनकी पत्नी के नाम भी आवास दिला दिया। वहीं एक मामले में आवास पाने वाले मृतक के आश्रित को दोबारा लाभ के लिए चयनित किया गया है। इनको मिली विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि-
ग्राम पंचायत अधिकारी अश्वनी कुमार, रोहित कुमार, विक्रम सिंह, मनोज राजपूत, ग्राम विकास अधिकारी आलोक कुमार, अभिषेक गौतम, आलोक वर्मा, प्रवीन वर्मा, ब्रजेंद्र कुमार, रामप्रकाश। इनके वेतन से हुई कटौती-
वर्तमान में बरनाहल ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी सुभाष चंद्र यादव ने पक्के मकान में रहने वाले चार ग्रामीणों को आवास की संस्तुति की थी। इसी 25 अगस्त को परियोजना निदेशक केके सिंह ने मामला पकड़ा तो इनके वेतन से यह धनराशि प्रतिमाह दस हजार रुपये के हिसाब से काटी जा रही है। इसके अलावा विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी गई है। दो दर्जन से ज्यादा अपात्र ग्रामीणों को पीएम आवास ग्रामीण के लिए संस्तुति करने वाले 11 सचिवों को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। पहली किस्त में जारी 40 हजार की राशि शासन के पक्ष में अपात्रों से जमा कराई जा चुकी है। एक सचिव से चार आवासों की राशि उसके वेतन से काटी जा रही है।
-केके सिंह, परियोजना निदेशक।