पार्को से हरियाली हो गई गायब, दबंगों ने किया कब्जा
मैनपुरीजासं। शहर में पार्को की हालत अच्छी नहीं है। विभागीय स्वामित्व वाले पार्को को छोड़ दें तो बाकी का हाल ऐसा है कि उनमें घूमने का मन नहीं करता। हरियाली एकदम गायब है। घास तो दूर-दूर तक नहीं दिखती। कुछ पार्कों को लोगों ने जागीर बना निया है। निर्माण सामग्री रखकर पार्कों को बर्बाद कर डाला है। आवास विकास के पार्क समेत शहर के कई पार्काें की हालत बदतर हो चुकी है। शहर में पार्को की हालत अच्छी नहीं है। कुछ ऐसे ही हालात आवास विकास के पार्कों के भी हैं। सरकारी लोहिया पार्क और फूल बाग पार्क को छोड़ दें तो बाकी का हाल ऐसा है कि उनमें घूमने का मन नहीं करता। हरियाली एकदम गायब है। झाड़ियां उग आई हैं तो गंदगी पड़ी हुई है। पेड़ों को काट दिया गया है। कई पार्क तो दबंगों की निजी जागीर बन गए हैं। तमाम पार्कों में निजी सामान भी रखा जाता है। दबंगई की चलते कोई बोल भी नहीं पाता है। कइयों के गेट टूट गए हैं तो चारदीवारी भी जर्जर हो गई है।
जासं, मैनपुरी: शहर में पार्को की हालत अच्छी नहीं है। सरकारी लोहिया और फूल बाग पार्क को छोड़ दें तो बाकी का हाल बदहाल है। हरियाली एकदम गायब है। झाड़ियां उग आई हैं तो गंदगी पड़ी हुई है। पेड़ों को काट दिया गया है। कई पार्कों में निजी सामान भी रख लिया गया है। दबंगई की चलते कोई बोल भी नहीं पाता है। कइयों के गेट टूट गए हैं तो चारदीवारी भी जर्जर हो गई है।
ये हैं हालात: शहर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 50 पार्क हैं। इनमें से लोहिया पार्क और फूलबाग पार्क की देखरेख उद्यान विभाग के जिम्मे है। भरपूर हरियाली और ट्रैक होने से यहां लोग वॉक को भी आते हैं। बाकी 48 पार्को की देखभाल नगर पालिका करती है, जहां पेड़-पौधे सूख रहे हैं। झाड़ियां बढ़ रही हैं।
पार्कों पर कब्जे: आवास विकास के पार्क में गंदगी की भरमार है। बंदरों का भी आतंक है। सफाई भी नहीं है। इस कारण लोग घूमने नहीं आते। आवास विकास पार्क में एक दबंग ने अपनी मशीनें खड़ी कर रखी हैं। एक पार्क को भैंसों का तबेला बना डाला है, जबकि दूसरे पार्क को वाहन खड़ा करने को स्थान बना दिया है।
पार्कों के सुंदरीकरण का काम जल्द शुरू होगा। अतिक्रमण भी हटवाएं जाएंगे। इनको विकसित कराने के लिए शहर के सामाजिक संगठनों का सहयोग भी लिया जाएगा, जिससे वे उनकी देखरेख भी कर सकें। मनोज रस्तोगी, अधिशाषी अधिकारी।