मैनपुरी, जागरण टीम। औषधि विभाग और कुरावली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में नकली दवा ले जा रहे युवक को पकड़ लिया। जांच में उसके पास से बड़ी मात्रा में नकली इंजेक्शन सहित अन्य दवाएं बरामद हुईं। जानकारी पर युवक ने बताया कि वह एटा से लाकर नकली दवाओं की मैनपुरी में बिक्री करता है। जिसपर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की नोयडा, इटावा, गाजियाबाद, आगरा, एटा की टीमों ने छापामार कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में एटा निवासी युवक के यहां से पांच लाख से अधिक कीमत की नकली दवाओं का जखीरा बरामद किया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
नकली दवाओं की बिक्री की मिली थी जानकारी
कस्बा कुरावली और आसपास क्षेत्र के मेडिकल स्टोर पर नकली दवा की बिक्री की जानकारी मिलने पर औषधि विभाग और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। जिसपर औषधि निरीक्षक देशबंधु विमल और कुरावली इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने पुलिस के साथ कस्बा कुरावली स्थित स्टेट बैंक के निकट से एक युवक को दवाओं से भरे बोरे सहित हिरासत में ले लिया। जहां उसके पास से विभिन्न प्रकार की नकली दवाएं और इंजेक्शन बरामद हुए। पकड़े गए युवक ने अपना नाम अभिषेक शाक्य पुत्र जितेंद्र शाक्य निवासी सराय लतीफ बताया।
मेडिकल स्टोर पर सप्लाई करता था दवाएं
युवक ने पूछताछ में बताया कि यह नकली दवाएं वह एटा के देहात थाना क्षेत्र के गांव वावसा निवासी अनुज जैन पुत्र रविकांत जैन के यहां से लाकर मैनपुरी के विभिन्न मेडिकल स्टोर पर बिक्री करता है। इसके बाद टीमों पुलिस के साथ एटा के गांव वावसा पहुंची। जहां उसके नेमिनाथ मेडिकल स्टोर पर छापा मारा गया। इस दौरान अनुज जैन के यहां कमरों में रखी भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद हुईं। दवाओं के बिल और लायसेंस मांगने पर वह टीम को कुछ भी नहीं दे सका। टीम ने सभी दवाएं जब्त कर आरोपित को पकड़ लिया और उसे कुरावली थाने पर लाया गया। जहां दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कार्रवाई में आशुतोष मिश्रा औषधि निरीक्षक गाजियाबाद, वैभव बब्बर, दीपक कुमार औषधि निरीक्षक हाथसर, नवनीत कुमार आगरा, रजन पांडेय इटावा सहित कुरावली पुलिस शामिल रही।
पांच लाख से अधिक कीमत की हैं बरामद
नकली दवाएं कस्बे में नकली दवाओं की बिक्री की जानकारी पाकर औषधि विभाग की गाजियाबाद, आगरा, हाथरस, फिरोजाबाद, इटावा और मैनपुरी की टीमों ने पुलिस के साथ कार्रवाई शुरू की। इस दौरान टीमों ने बड़ी मात्रा में ब्रांडेड कंपनियों के नाम से डिकेडराबोलिन इंजेक्शन, पैंटाप डीएसआर अरिस्टो फार्मा, मोनोसेफओ, जिफी टेबलेट, क्लेवम, डिक्लोफेनाक इंजेक्शन, एल्केम, अबोट, रेडिश कैडिला, सिप्ला, एफडीसी, स्टेराइड और आक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद हुए हैं। औषधि विभाग के अनुसार बरामद दवा और इंजेक्शन की कीमत पांच लाख रुपये से अधिक बताई गई है। इनके परीक्षण के लिए दस नमूने एकत्रित कर प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
औषधि निरीक्षक देशबंधु विमल ने बताया कि कार्रवाई में बड़ी संख्या में नकली दवा और इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। अब टीमों पूरी चेन की तलाश में जुटी हुई हैं। जल्द ही पूरे मामले का राजफाश किया जाएगा।