हरियाली के बाद भी साथ छोड़ रहा नीर
गांव रतनपुर बरा में हर साल नीचे चला जा रहा भूगर्भ जलस्तर सबमर्सिबल बर्बाद कर रही जल हैंडपंप अब कम उगल रहे पानी।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। चारों ओर हरियाली से आच्छादित गांव में भी ग्रामीणों के हलक सूख रहे हैं। साल-दर-साल गिरते जा रहे भूगर्भ जलस्तर को लेकर ग्रामीण परेशान हैं। हैंडपंप पानी उगलना छोड़ रहे हैं तो सबमर्सिबल पंप भी नीर को खूब बर्बाद कर रही है।
हम बात कर रहे हैं जागीर ब्लॉक के गांव रतनपुरा गांव की। चारों ओर से हरियाली से घिरा गांव आज पानी के लगातार नीचे चले जाने से संकट से जूझ रहा है। रविवार को जागरण टीम इस ग्राम पंचायत के उप गांव नगला देवी पहुंची तो एक सरकारी हैंडपंप पर कई महिलाएं पानी भर रहीं थी। बताया कि गांव में कोई टंकी नहीं है। संपन्न लोगों के यहां सबमर्सिबल पंप लगीं हैं, वैसे गांव में सरकारी हैंडपंप बहुतायत में हैं। लेकिन, ये पानी कम दे रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, चार दशक पहले गांव में भूजलस्तर 20-25 फीट पर था, लेकिन अब 80-100 फीट पहुंच गया है। जल स्तर गिरने से सालों पहले कुओं का अस्तित्व मिट गया। पानी बचाने का यह श्रेष्ठ साधन हुआ करते थे। प्रधान मार्गश्री ने बताया पानी नीचे जाने की वजह से हैंडपंप आए दिन खराब होते रहते हैं।
सबमर्सिबल वाले नहीं देते पानी
गांव में डेढ़ सौ ज्यादा सबमर्सिबल होने के बाद भी आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण हैंडपंपों से पानी भरते हैं। हैंडपंप से पानी भरने के आदी ग्रामीणों ने बताया कि सबमर्सिबल वाले परिवार शादी-विवाह के मौके पर ही पानी देते हैं, रोज नहीं देते हैं। कभी बाहर सबमर्सिबल चलते हुए मिल जाए तो भर देते हैं।
ग्रामीणों की बात
पानी लगातार नीचे जा रहा है। हैंडपंप पानी कम देने लगे हैँ। साधन संपन्न ही अपनी सबमर्सिबल से खेतों और घरों में पानी का इंतजाम करते है, गरीब का तो हर ओर से मरना है।
- पथिक।
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गांव में भूगर्भ जलस्तर सौ फीट के आसपास आ गया है। हैंडपंप बेकार हो गए है, जो चलते हैं उनसे पानी लेने के लिए उनको काफी देर चलाना पड़ता है। अब ऐसे हैंडपंप आएदिन खराब होने लगे हैं।
- राजकुमार।
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पंचायत में तीन सौ से ज्यादा घर हैं, करीब 150 घरों में सबमर्सिबल लगे हुए हैं। बिजली जाने के बाद ग्रामीण पानी के इंतजार में बैठे रहते हैं। समरर्सिबल से तमाम पानी भी बर्बाद होता है।
- साहब सिंह।
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धरती का पानी साल-दर-साल नीचे चला जा रहा है। वाटर लेबल ऊपर लाने के लिए कोई काम नहीं हुआ है। सिचाई के साधनों का अभाव होने से अब सबमर्सिबल ही सहारा बन चुकी हैं।
-गौरव। --------
यह बोले जिम्मेदार
पानी कम हो रहा है, यह सभी के लिए चिता विषय है। ग्रामीणों को इसके लिए आगे आकर प्रयास करने होंगे। बारिश के पानी को सहेजना होगा। तालाब और पोखरों में इस पानी का पहुंचाना होगा। -
कपिल सिंह, सीडीओ।
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पेयजल टंकी के लिए ग्राम पंचायत प्रस्ताव करती है। शायद इस पंचायत ने कोई प्रस्ताव प्रशासन को नहीं भेजा है। गांव में कुछ नल खराब है, बाकी सब ठीक काम कर रहे हैं। पानी की समस्या नहीं है।
स्वामीदीन, डीपीआरओ।
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