खली संविदाकर्मियों की कमी, बाधित हुईं सेवाएं
मैनपुरी जासं। सेवा समाप्ति के बाद आखिरी उम्मीद लेकर निर्धारित यूनीफॉर्म में अस्पताल पहुंचे संविदा पैरामेडिकल कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी। अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें उपचार करने की अनुमति नहीं दी गई। 33 पैरामेडिकल स्टाफ के काम न करने की वजह से जिला अस्पताल की सेवाएं बाधित हुईं। मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों की कमी की वजह से ज्यादातर मरीज बगैर उपचार ही लौट गए।
जासं, मैनपुरी : सेवा समाप्ति के बाद आखिरी उम्मीद लेकर निर्धारित यूनीफॉर्म में अस्पताल पहुंचे संविदा पैरामेडिकल कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें उपचार करने की अनुमति नहीं दी। 33 पैरामेडिकल स्टाफ के काम न करने की वजह से जिला अस्पताल की सेवाएं बाधित हुईं। मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों की कमी की वजह से ज्यादातर मरीज बगैर उपचार ही लौट गए।
30 नवंबर को शासन ने जिला अस्पताल में 2016 से तैनात रहे 33 पैरामेडिकल संविदा कर्मियों की सेवाएं खत्म कर दी थीं। संगठन से हुई वार्ता के आधार पर सोमवार को सभी कर्मचारी जिला अस्पताल तो पहुंचे लेकिन न तो उनकी उपस्थिति लगाई गई और न ही ड्यूटी सौंपी गई। दोपहर तक कर्मचारी अस्पताल में रहे लेकिन मरीजों का उपचार नहीं करने दिया गया। 33 कर्मचारियों की अनुपस्थिति की वजह से अस्पताल की सेवाएं चरमरा गईं।
पंजीकरण काउंटर पर मरीजों की भीड़ संभालने में कर्मचारी असमर्थ दिखे। कई वार्डों की जिम्मेदारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और वार्ड ब्वॉय को सौंपी गई थी। इमरजेंसी में कर्मचारियों की कमी की वजह से उपचार में देर होती देख कई मरीज बिना उपचार के ही लौट गए। संविदा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष शिवकुमार का कहना है कि जब तक कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक अब वे अस्पताल नहीं जाएंगे।
हमारे पास जो नियमित स्टाफ है, उनकी मदद से अस्पताल की सेवाओं का संचालन कराया जा रहा है। इमरजेंसी में एक चिकित्सक और फार्मेसिस्ट के अलावा नियमित नर्सिंग स्टाफ को तैनात किया गया है।
डॉ. आरके सागर, सीएमएस।