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नर्वस सिस्टम को डेमेज कर रही डायबिटीज

बदलती दिनचर्या और खानपान से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। यह रोग दिन प्रति दिन खतरनाक होता जा रहा है। मरीज के नर्वस सिस्टम तक को डेमेज करने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 10:19 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 10:19 PM (IST)
नर्वस सिस्टम को डेमेज कर रही डायबिटीज
नर्वस सिस्टम को डेमेज कर रही डायबिटीज

मैनपुरी : आधुनिक जीवनशैली में तेजी से पैर पसार रही डायबिटीज अब और ज्यादा खतरनाक व जानलेवा होती जा रही है। यह मरीज के नर्वस सिस्टम तक को डेमेज करने लगी है। इसका कारण जागरूकता की कमी और लगातार बिगड़ रहीं खानपान की आदतें व दिनचर्या है।

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करहल निवासी आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के मधुमेह विशेषज्ञ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुशील यादव का कहना है कि प्रेंक्रियाज में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। इससे खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। यही डायबिटीज है। बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। लापरवाही बरतने पर यह आंखों, दिल और किडनी के साथ ही नर्वस सिस्टम को भी डेमेज कर देती है। कई बार मरीजों की मृत्यु तक हो जाती है। क्या हैं लक्षण

बार-बार पेशाब आना, भूख और प्यास का लगना, शारीरिक कमजोरी महसूस करना, जल्दी थक जाना, आंखों के आगे अंधेरा छाना या फिर पलकों पर दर्द बने रहना आदि। क्या होता है इंसुलिन

इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है। इसका निर्माण मानव शरीर के अग्नाशय में होता है। हमारा आमाशय कार्बोहाइड्रेट्स को रक्त शर्करा में परिवर्तित करता है। इंसुलिन के माध्यम से यह रक्त शर्करा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। यदि पेंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर दे तो रक्त की शर्करा ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होती। कितना जरूरी है इंसुलिन

डॉ. यादव का कहना है कि टाइप-1 डायबिटीज में पेंक्रियाज के अंदर इंसुलिन का निर्माण न होने के कारण उन्हें इंसुलिन का इंजेक्शन लेना जरूरी होता है। टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों का ब्लड शुगर दवा से काबू रहता है तो उन्हें इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं होती है। व्यतीत कर सकते हैं सामान्य जिंदगी

डॉ. सुशील यादव का कहना है कि टाइप-2 डायबिटीज के मरीज कभी-कभी हल्का मीठा खा सकते हैं। यह भ्रांति है कि गर्भावस्था के बाद हुआ रोग ठीक नहीं होता। प्रसव के बाद डायबिटीज का निदान हो जाता है। यदि व्यक्ति शारीरिक मेहनत करता है और दवाएं लेता है तो वह खेलों में भी प्रतिभाग कर सकता है। सामान्य जिंदगी व्यतीत कर सकता है।

डायबिटीज के प्रकार

टाइप-1: इस डायबिटीज में शरीर में इंसुनिल का निर्माण नहीं होता है। बहुत कम लोगों को होती है यह।

टाइप-2: इसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनता। अधिकांश रोगी इसी डायबिटीज से पीड़ित होते हैं


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