जेलर समेत 57 मिले पॉजिटिव, एक वृद्धा की मौत
भोगांव संसू। बेलगाम हो चुकी कोरोना की रफ्तार बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। कोरोना पॉजिटिव वृद्धा की उपचार के दौरान सैफई में मौत हो गई। कोरोना जांच कराने वाले जिला कारगार के जेलर समेत 57 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। नए मरीजों में ज्यादातर को होम आइसोलेट किया गया है।
संसू, भोगांव: बेलगाम हो चुकी कोरोना की रफ्तार बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। कोरोना पॉजिटिव वृद्धा की उपचार के दौरान सैफई में मौत हो गई। कोरोना जांच कराने वाले जिला कारगार के जेलर समेत 57 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। नए मरीजों में ज्यादातर को होम आइसोलेट किया गया है।
भोगांव नगर के मुहल्ला जगतनगर निवासी सेवानिवृत्त प्रवक्ता की पत्नी को बीते दिनों कोरोना पॉजिटिव होने पर स्वजन उपचार के लिए उन्हें सैफई ले गए। सैफई पीजीआई अस्पताल में मंगलवार की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं कोरोना जांच कराने वाले जिला कारगार के जेलर व जेल में एक अन्य की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। शहर क्षेत्र के मुहल्ला हिदूपुरम, खरगजीतनगर, भरतवाल, पंजाबी कॉलोनी, दरीबा, अवाबाग, आवास विकास, यादव नगर, करहल रोड, देवपुरा, वंशीगौहरा, छपटटी, गांव मधुपुरा, रामा देवी नगर, बिछिया, आश्रम रोड इलाकों में कुल 42 संक्रमित मिले हैं। इनके अतिरिक्त करहल कोतवाली के चार पुलिसकर्मी, करहल एसबीआई शाखा के एक कर्मचारी समेत करहल क्षेत्र में कुल आठ, बरनाहल में तीन, घिरोर में दो, जागीर में एक, भोगांव नगर में एक संक्रमित मिला है। सभी को सीएमओ डॉ. एके पांडेय के नेतृत्व में एसीएमओ डॉ. राजीव राय, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी रवींद्र सिंह गौर, डॉ. एसएन सिंह, डॉ. प्रवीन यादव, डॉ. शंभू सिंह की टीमों ने होम आइसोलेट व एल-1 अस्पतालों में भिजवाया।
45 मरीज हुए संक्रमण मुक्त: कोरोना की तेज होती रफ्तार के बीच बीते 24 घंटों में एल-1 अस्पतालों में व होम आइसोलेशन में 45 मरीज ठीक हो गए। इन मरीजों को जरूरी सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। कोरोना को हराने वाले मरीजों को नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप यादव, डॉ. अमित भारती, डॉ. मोहित चतुर्वेदी, डॉ. अजहर अली की टीम ने प्रमाण पत्र देकर घर भेजा।
दो घंटे तक तहसील की छत पर टहलते रहे कोरोना संक्रमित
जासं, मैनपुरी: मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कराई गई जांच में दो तहसीलकर्मी संक्रमित मिलने से अचानक खलबली मच गई। अन्य कर्मचारियों को भी अलर्ट कर अपनी-अपनी जांच कराने की सलाह दी गई। कुछ ने जांच कराई, लेकिन ज्यादातर पीछे हट गए। संक्रमितों को कोविड अस्पताल भिजवाने में भी जिम्मेदारों द्वारा देर की गई। स्थिति यह रही कि लगभग दो घंटों तक दोनों सभागार के सामने छज्जे पर आराम से चहल-कदमी करते रहे। बार-बार रोकने के बावजूद उनकी हरकतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बाद में उन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा आइसोलेट कराया गया।