इमरजेंसी में इंतजाम धड़ाम, मची रही अफरातफरी
मरीजों को नहीं मिल सका बेहतर उपचार कोरोना जांच के लिए भटकते रहे तीमारदार
जासं, मैनपुरी: सोमवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे धड़ाम हो गए। चिकित्सकों और स्टाफ की कमी की वजह से मरीजों को बेहतर उपचार न मिल सका। लैब तकनीशियन के अभाव में मरीजों की कोरोना जांच कराने के लिए तीमारदार इधर से उधर भटकते रहे।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन ने जिला अस्पताल की ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया है, सिर्फ इमरजेंसी ही संचालित की जा रही है। अस्पताल प्रशासन द्वारा दावे किए जा रहे हैं कि इमरजेंसी में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन सोमवार को दावों की पोल खुल गई। स्थिति बदतर रहीं। यहां बतौर ईएमओ सर्जन डा. गौरव पारीख जिम्मेदारी संभाल रहे थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों से भीड़ न लाने की अपील की जा रही थी।
दोपहर में बिछवां थाना क्षेत्र के गांव देवगंज निवासी बाबूराम (65) की तबीयत बिगड़ गई। स्वजन इमरजेंसी लेकर पहुंचे। यहां सांस उखड़ने लगी। आक्सीजन लगाकर चिकित्सक ने उपचार शुरू किया ही था कि थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई। इससे पूर्व नर्सिंग स्टाफ द्वारा उनकी सैंपलिग की गई थी। उनकी मौत के बाद साथ आए युवक की भी जांच की गई, जिसमें युवक कोरोना पाजिटिव मिला। चिकित्सक ने युवक को पहले एक किनारे बैठने की सलाह दी, लेकिन अन्य स्वजन के आने के बाद वह परिसर में जहां-तहां घूमने लगा।
थोड़ी देर बाद उनके साथ आए अन्य लोगों की भीड़ लग गई। यहां अन्य मरीजों की भी लाइन लगी रही। स्वास्थ्यकर्मियों की कमी की वजह से मरीज परेशान रहे। कोरोना की जांच के लिए भी लोग भटकते रहे।
सैंपलिग के इंतजाम भी ठप रहे
शासन के निर्देश हैं कि जिला अस्पताल की इमरजेंसी में 24 घंटे हेल्प डेस्क का संचालन किया जाएगा। यहां एक लैब तकनीशियन की ड्यूटी लगाई जाए जो संदिग्ध मरीजों और उनके स्वजन की जांच करेंगे, लेकिन व्यवस्था पूरी तरह से ठप रही। सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग ही की गई। लैब तकनीशियन के अभाव में नर्सिंग स्टाफ ने ही सैंपलिग की जिम्मेदारी संभाली। तीन से चार मरीजों के सैंपल लिए। नहीं लगाई जा रही ड्यूटी
ओपीडी बंद होने के बाद अस्पताल के ज्यादातर विशेषज्ञ चिकित्सक खाली हो गए हैं। इमरजेंसी में सबसे ज्यादा बीमार बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं की भीड़ आ रही है। ऐसे में चिकित्सकों की ड्यूटी न लगाए जाने की वजह से मरीजों को बिना उपचार के ही लौटना पड़ रहा है।
चुनाव ड्यूटी की वजह से थोड़ी असुविधा रही है। मंगलवार से व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाएगा। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पडे़गा। सभी को उपचार के साथ जांच की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। डा. अशोक कुमार
कार्यवाहक सीएमएस जिला अस्पताल। कोरोना पैकेज : 97 मिले संक्रमित, एक की मौत जिले में संक्रमितों की संख्या हुई 897, मौतों का आंकड़ा आठ पहुंचा
जासं, मैनपुरी : कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। 24 घंटों में जिले में 97 नए मरीजों के मिलने के बाद संक्रमण का आंकड़ा बढ़कर 897 पहुंच चुका है। वहीं एक व्यक्ति की इलाज के दौरान एल-2 में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई।
कोरोना की रफ्तार बेलगाम ढंग से बढ़ रही है। सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार जिले में 97 नए मरीजों मे वायरस की पुष्टि हुई है। करहल क्षेत्र में आठ मरीज मिले हैं। सीएमओ कार्यालय में तैनात कर्मचारी के परिवार में सात लोगों में वायरस की पुष्टि होने के बाद सभी को होम आइसोलेट कराया गया है। कुरावली में 10 मरीजों में वायरस का संक्रमण मिलने के बाद सभी को होम आइसोलेट किया गया है।
शहर के मुहल्ला पुरोहिताना निवासी 57 वर्षीय व्यक्ति को कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद तबियत बिगड़ती देख एल-2 आइसोलेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां वायरस से हालत बिगड़ने के बाद सोमवार को उनकी मौत हो गई। जिला अस्पताल में भी एक संदिग्ध बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। वहीं शहर के मुहल्ला पुरोहिताना निवासी एक अधेड़ की फेफड़ों में संक्रमण की वजह से मौत हो गई।
लैब रिपोर्ट नहीं आई थी। स्वजन द्वारा कोविड प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है। जिले में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या आठ हो गई है।
ठीक होने के बाद दो डिस्चार्ज
एल-2 में भर्ती दो कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद सोमवार को यहां से डिस्चार्ज कर दिया गया। सीएमओ डा. एके पांडेय का कहना है कि सभी मरीज सावधानी बरतें। संदेह होने पर जांच कराएं।