कोरोना को लेकर कलक्ट्रेट में भी फरियादियों के प्रवेश पर रोक
मैनपुरी जासं। कोरोना से बचाव के लिए सावधानी जरूरी है। इसलिए हर प्रकार की एहतियात बरती जा रही है। दीवानी के बाद अब कलक्ट्रेट में भी वादकारियों और फरियादियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। जिससे चलते बुधवार को वादकारी और फरियादी भटकते नजर आए।
जासं, मैनपुरी: दीवानी के बाद अब कलक्ट्रेट में भी वादकारियों और फरियादियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इससे चलते बुधवार को वादकारी और फरियादी भटकते नजर आए।
दीवानी में मंगलवार को ही वादकारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके साथ ही सभी वादकारियों को आश्वासन दिया गया था कि किसी भी कोर्ट में वादकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाएगी। सिर्फ विशेष मामलों में ही सुनवाई की जाएगी। वादकारियों पर रोक के बाद दीवानी के गेट पर दिन भर गहमा गहमी का आलम रहा था। बुधवार को भी वादकारी दीवानी में प्रवेश नहीं कर सके।
बुधवार को कलक्ट्रेट के न्यायालयों में भी वादकारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। शिकायतें लेकर पहुंचे फरियादी भी परिसर में प्रवेश नहीं कर सके। कलक्ट्रेट कोर्ट परिसर के तीनों गेटों पर पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए थे। सिर्फ अधिवक्ताओं को ही कोर्ट में जाने दिया गया। सभी मामलों में आगे की तारीखें निर्धारित कर दी गई हैं।
कर अधिवक्ताओं की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग
वाणिज्य कर विभाग के वर्ष 2016-17 के वादों के निस्तारण के लिए अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित की गई है। कर अधिवक्ता संजय जैन, अनुपम कुमार, प्रखर दीक्षित, संजीव वर्मा, सुमित, नीरज गुप्ता, राहुल श्रीवास्तव, के मुताबिक कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश भर में एहतियात बरती जा रही है। लोगों को एक साथ एकत्र होने से रोका जा रहा है। इसके चलते व्यापारी और कर अधिवक्ता अपने मामलों में सुनवाई कराने में कतरा रहे है। अधिवक्ताओं ने सुनवाई की अंतिम तिथि बढ़ाए जाने की मांग की है।
रजिस्ट्री ऑफिस में दिन में जुटी रही भीड़: कलक्ट्रेट और दीवानी कोर्ट में फरियादियों और वादकारियों के प्रवेश पर रोक लगी रही। वहीं रजिस्ट्री ऑफिस में दिन भर बैनामा कराने वालों की भीड़ लगी रही। कार्यालय छोटा होने के कारण लोग एक-दूसरे से सटे खड़े रहे। इस दौरान लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भय भी रहा, लेकिन बैनामा करना था, इसलिए बाहर नहीं निकले।
बोर्ड उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य रुका: कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही सतर्कता के चलते जिले में बुधवार से यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य भी रोक दिया गया है। जानकारी के अभाव में मूल्यांकन को केंद्रों पर आए प्रधान और सहायक परीक्षकों को वापस कर दिया गया। फिलहाल दो दिन में दस फीसद मूल्यांकन होने की बात कही जा रही है।