अन्नदाता को नहीं मिल सका मुद्दत से छुटकारा
मैनपुरी जासं। खेतों में पसीना बहाकर फसल पैदा करने वाले किसान को तमाम वादों के बाद भी मुद्दत से छुटकारा नहीं मिल सका है। नवीन मंडी में कच्ची पर्चियों के जरिये ट्रेडर्स मुद्दत कटौती में जुटे हैं। मंडी में किसानों से एक फीसद मुद्दत वसूलने का खेल मंडी में वदस्तूर जारी है जबकि प्रशासन इसे बंद कराने का दावा करता नजर आ रहा है। यहां धान बेचने वाले किसानों से कुल भुगतान पर एक फीसद मुद्दत काटने का क्रम जारी है। किसान भी माल बेचने और उधार के संबंधों की वजह से चुप हैं।
केस:1
गिगोरा के किसान आसाराम धान की फसल लेकर नवीन मंडी में आए। भुगतान चुकाने में ही ट्रेडर्स ने एक फीसद मुद्दत काट ली तो मिल मालिक ने आधा किलो करदा काट लिया। आसाराम मजबूरी में वह इनका विरोध नहीं कर सके और कटौती के बाद मिले भुगतान को लेकर घर चले गए।
केस:दो
गांव गिगोरा के ही रामनरेश ने मंडी में ट्रेडर्स को माल बेचा। भुगतान से पहले कच्ची पर्ची पर ट्रेडर्स ने नकद भुगतान पर एक फीसद मुद्दत टैक्स काट लिया। वहीं मिल मालिक ने आधा किलो करदा काट लिया। किसान पुरानी जान-पहचान होने की वजह से विरोध भी नहीं कर सके।
जासं, मैनपुरी: यह केवल दो किसानों के ही मामले नहीं हैं, शहर की नवीन कृषि उत्पादन मंडी समिति में किसानों से अभी भी मुद्दत टैक्स और करदा काटा जा रहा है। प्रशासन के तमाम प्रयास के बाद भी ट्रेडर्स और धान खरीदने वाले मिल मालिक मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। किसान माल बेचने और उधार के संबंधों की वजह से चुप हैं।
अब सादा पर्ची पर होता है हिसाब: अब किसानों को दी जाने वाली सादा पर्ची से ट्रेडर्स का नाम गायब है। माल के भुगतान के साथ मिलने वाली इस कच्ची पर्ची पर अब ट्रेडर्स किसान का नाम लिखता है। इस पर कितना माल, कितनी रकम और किस मद में कितनी कटौती हुई, दर्ज किया जाता है। इस पर्ची में अब मुद्दत को सीडी के नाम पर काटने का काम शुरू हो गया है। पल्लेदारी अलग से काटी जाती है। ऐसी पर्ची पर ट्रेडर्स अपने नाम के हस्ताक्षर भी नहीं करता है।
वीडियो से सच आया सामने: मंडी में चल रही मुद्दत कटौती के खेल का वीडियो सामने आया है। इसमें किसान ट्रेडर्स का नाम लेते हुए मुद्दत कटौती की बात कर रहे हैं। एक किसान ने बताया कि मुद्दत के अलावा करदा भी काटा जा रहा है। वहीं, मुद्दत और करदा के नाम पर हो रही लूट का कोई किसान विरोध नहीं कर पा रहा है। ट्रेडर्स से पुराने संबंधों की वजह चुप्पी बनी हुई है। वहीं शिकायत नहीं पहुंचने से मंडी प्रशासन शांत बैठा है।
किसान शिकायत करें होगी कार्रवाई: सचिव
मंडी सचिव प्रदीप कुमार का कहना है कि मंडी में मुद्र काटने पर अब काफी अंकुश लग गया है, यदि ट्रेडर्स मुद्दत काटता है तो किसानों को उनके नाम से शिकायत करनी चाहिए। हम कार्रवाई कर ट्रेडर्स का लाइसेंस निरस्त कर देंगे। -प्रदीप कुमार, मंडी सचिव।
शिकायत नहीं आती, कैसे हो कार्रवाई: मंडी सभापति एवं सदर एसडीएम रजनीकांत का कहना है कि मंडी में मुद्दत कटौती का खेल अब बंद करा दिया गया है, किसान इस बारे में आवाज नहीं उठाते हैं। मुद्दत काटने वाले ट्रेडर्स के खिलाफ लिख करके दें, प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा।