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टेलर हत्याकांड: थाने में समझौता, गली में ले ली जान

मैनपुरी जासं। कुरावली थाने में गुरुवार दोपहर ही टेलर और उनके बहनोई के बीच समझौता हो गया था। झगड़ा न करने की पुलिस हिदायत के बाद दोनों पक्ष अपने-अपने घर चले गए थे। टेलर अपनी मां को घर छोड़कर दुकान जा रहा था तभी दो भांजों ने उस पर हमला कर दिया। ये दोनों भांजे थाने में बातचीत के दौरान मौजूद नहीं थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 06:58 AM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 06:58 AM (IST)
टेलर हत्याकांड: थाने में समझौता, गली में ले ली जान
टेलर हत्याकांड: थाने में समझौता, गली में ले ली जान

जासं, मैनपुरी: कुरावली थाने में गुरुवार दोपहर ही टेलर और उनके बहनोई के बीच समझौता हो गया था। झगड़ा न करने की पुलिस हिदायत के बाद दोनों पक्ष अपने-अपने घर चले गए थे। टेलर अपनी मां को घर छोड़कर दुकान जा रहा था, तभी दो भांजों ने उस पर हमला कर दिया। ये दोनों भांजे थाने में बातचीत के दौरान मौजूद नहीं थे।

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बसंत की मां शकुंतला की तहरीर पर पुलिस ने उनके दामाद राजेश को भी थाने बुला लिया। राजेश अपने बड़े पुत्र शिवकुमार के साथ थाने पहुंचा था। जबकि बसंत और उसकी मां पहले से ही मौजूद थे। पुलिस के कहने पर दोनों पक्षों ने वादा किया था कि झगड़ा नहीं करेंगे। तय हुआ था कि पंचायत के जरिए विवाद को खत्म कर लेंगे। राजेश अपने घर चला गया और बसंत अपने घर। मां को छोड़कर वो दुकान जा रहे थे। थाने के पास गली में दोनों भांजे शिवम और धर्मेद्र का बसंत से सामना हो गया। बसंत की जमकर पिटाई की, ईट मारी तो बसंत का सिर फट गया।

बसंत के जमीन पर गिरते ही युवक दौड़े पकड़ने को: कुछ लोगों ने हमलावरों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे बसंत की पिटाई करते रहे। बसंत लहूलुहान होकर जमीन पर गिरे, तो लोगों में आक्रोश फैल गया। दोनों हमलावरों को दबोचने की कोशिश की। वे जान बचाने के लिए भाग कर थाने में घुस गए। सच्चाई पता चलते ही पुलिस ने दोनों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। भीड़ काफी गुस्से में थी।

उधार ने खराब कर दिए रिश्ते:बसंत मूलरूप से भोगांव के मुहल्ला कबीरगंज के निवासी थे। पांच साल की उम्र में पिता का साया उठ गया। बहनोई राजेश बसंत, उनकी अविवाहित दो बहनों और मां को अपने साथ कुरावली ले आए। कुछ दिन बाद भोगांव का मकान बेचकर कुरावली में अपने पड़ोस में ही मकान दिलवा दिया। बसंत को सिलाई का काम सिखवाया। समय के साथ बसंत की आर्थिक स्थिति अच्छी होने लगी। बसंत की बहन उमा ने मां शकुंतला से तीन साल पहले एक लाख रुपये उधार लिए थे। ये रुपये न लौटाने को लेकर ही रिश्तों में कड़वाहट हो गई थी।

पांच साल से मायके में पहली पत्नी: बसंत का विवाह 15 साल पहले मैनपुरी शहर के मुहल्ला सोतियाना निवासी मंजू के साथ हुआ था। मंजू दो पुत्र और एक पुत्री की मां है। पांच साल से वह अपनी पुत्री के साथ मायके में ही है। दोनों पुत्र बसंत के साथ रहते थे। दो साल पहले बसंत ने लक्ष्मी नाम की महिला से विवाह कर लिया था। दूसरी पत्नी के लिए मुहल्ला कानूनगोयान में नया मकान खरीदा था। दूसरी पत्नी उसी मकान में रहती है।


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