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धर्मस्थल की दीवार के निर्माण पर सांप्रदायिक तनाव

दूसरे समुदाय ने रोका मंदिर की टूटी दीवार का निर्माण जमकर कहासुनी आंधी में पेड़ गिरने से टूट गई थी दीवार एसडीएम के समझाने पर हुआ समाधान।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 10:14 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 10:14 PM (IST)
धर्मस्थल की दीवार के निर्माण पर सांप्रदायिक तनाव
धर्मस्थल की दीवार के निर्माण पर सांप्रदायिक तनाव

बरनाहल, संसू। कस्बा में एक धर्मस्थल की टूटी दीवार का निर्माण शुरू हुआ तो दूसरे समुदाय के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। निर्माण कार्य रोक दिया। पुलिस आ गई। बात नहीं बनी तो एसडीएम करहल को भी मौके पर पहुंचना पड़ा। हंगामा कर रहे लोगों को समझा बुझाकर शांत किया गया, तब निर्माण शुरू हो सका।

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मुहल्ला कटरा में पुराना धर्मस्थल बना हुआ है। उसके परिसर में नीम का दो सौ साल पुराना वृक्ष है। एक पखवाड़ा पहले आंधी में पेड़ का कुछ हिस्सा टूटकर धर्मस्थल की दीवार पर गिर गया, जिससे दीवार धराशायी हो गई थी। सोमवार सुबह पुरानी दीवार वाले स्थान पर नई दीवार निर्माण का कार्य शुरू हुआ तो दूसरे समुदाय के युवकों ने कार्य रुकवा दिया। इससे सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। दोनों ओर से टकराव के हालात बन गए। जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंच गई। हालात को देखकर पुलिस ने निर्माण कार्य रुकवा दिया।

देवी भक्तों का कहना था कि वे पुरानी दीवार पर ही नया निर्माण कर रहे हैं। वहीं दूसरे समुदाय के लोगों का कहना था कि जिस जमीन पर धर्मस्थल है वह ग्राम समाज की है। इस पर उनका भी बराबर का हक है, आधी जमीन मिलनी चाहिए। विवाद बढ़ने की सूचना पर एसडीएम करहल अनूप कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों से बातचीत की। उन्हें बताया गया कि पुरानी दीवार के स्थान पर निर्माण कार्य रोकना उचित नहीं है। काफी समझाने पर मामला शांत हुआ। इसके बाद निर्माण शुरू हो सका। बवाल के बाद कस्बे में तनाव की स्थिति है। हालांकि पुलिस तनाव से इन्कार कर रही है। एसओ बरनाहल ने बताया कि विवाद का समाधान करा दिया गया है। सांप्रदायिक तनाव नहीं है। 30 वर्ष से सांप्रदायिक तनाव

धर्मस्थल की जमीन को लेकर कई बार सांप्रदायिक टकराव हो चुका है। पिछले 30 सालों से इसे लेकर दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। वर्ष 2002 में लोगों ने धर्मस्थल का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया था, तब भी ऐसे ही हालात पैदा हुए थे। अधिकारियों ने बमुश्किल विवाद का समाधान कराया था। तीन वर्ष पहले धर्मस्थल का घेरा खींचने पर भी दोनों समुदाय आमने सामने आ गए थे।


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