बंद हो रही लैब, अधर में लटकी जांचें
महंगी जांचों के लिए अब मरीजों को एक बार फिर प्राइवेट पैथोलॉजी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। राहत के लिए अस्पताल परिसर में संचालित हो रही खन्ना पैथकेयर से करार खत्म होने को है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों की बढ़ रही है। लैब के कर्मचारियों ने महंगी जांचों के लिए सैंपल भेजने से ही इनकार कर दिया है। सिर्फ पुरानी लंबित जांचों की रिपोर्ट सौंपी जा रही है।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। महंगी जांचों के लिए अब मरीजों को एक बार फिर प्राइवेट पैथोलॉजी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। राहत के लिए अस्पताल परिसर में संचालित हो रही खन्ना पैथकेयर से करार खत्म होने को है। लैब के कर्मचारियों ने महंगी जांचों के लिए सैंपल भेजने से ही इनकार कर दिया है। सिर्फ पुरानी लंबित जांचों की रिपोर्ट सौंपी जा रही है।
कई असाध्य बीमारियों की जांचों के लिए यूपीएचएसएसपी (उप्र हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिग प्रोजेक्ट) ने अस्पताल परिसर में वर्ष 2017 में खन्ना पैथकेयर का संचालन शुरू कराया था। यहां मरीजों को उन जांचों की सुविधा भी मिल रही थी जिनकी व्यवस्था अस्पताल में नहीं थी। सिर्फ सरकारी पर्चे के आधार पर सैंपल लेकर जांच रिपोर्ट दी जाती थी, लेकिन अब मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लैब में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि सिर्फ 31 मार्च तक की ही अनुमति है। ऐसे में 25 मार्च से सैंपल लेना पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। फिलहाल, बड़ी जांचों के सैंपल बंद कर दिए गए हैं। सिर्फ उन मरीजों की ही रिपोर्ट दी जा रही है जिनकी जांचें लंबित पड़ी हैं। 2015 से मिली मरीजों को सुविधा: वर्ष 2015 में एसआरएल लैबोरेटरी की सुविधा दिलाई गई थी। 2017 में इस लैब के साथ करार खत्म होने के बाद खन्ना पैथकेयर को परिसर में जांच की अनुमति मिली थी। तब से रोजाना लगभग एक सैकड़ा मरीज अपनी बीमारियों की जांच करा रहे हैं। इन जांचों की है सुविधा: यूरिन प्रोटीन, सीरम आयरन, एचबीएवनसी, हार्मोन्स, टॉर्च, एचआइवी, रोटावायरस सीरोलॉजी, पेप स्मीयर्स, आरएच टाइप और एंटीबॉडी के अलावा कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों की जांचों की भी सुविधा उपलब्ध थी।