सर्दी से सावधान, लापरवाही दे सकती है टेंशन
जैसे-जैसे शर्दी बढ़ रही है हृदय और दमा रोगियों की आफत भी बढ़ती जा रही है। शुरुआत में ही जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
मैनपुरी : शबाव की ओर बढ़ती सर्दी सेहत के लिए घातक हो सकती है। जिला अस्पताल में दमा और हृदय संबंधी मरीजों की तादात बढ़ती जा रही है। इमरजेंसी में दर्जन भर दमा रोगियों को भर्ती कराया गया।
नवंबर का पखवाड़ा बीतने के साथ सर्दी ने भी अपनी जोरदार दस्तक दे दी है। सुबह और शाम सर्द हवा ठिठुरन बढ़ा रही हैं। दिन में भी लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। बदलता मौसम सेहत पर भारी पड़ने लगा है। बुधवार को जिला अस्पताल में की इमरजेंसी में दर्जन भर ऐसे मरीजों को भर्ती किया गया जो श्वांस संबंधी बीमारी और ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित थे। फिजीशियन डॉ. जेजे राम का कहना है कि सर्दी का मौसम बुजुर्गों और बच्चों के लिए नुकसानदेह होता है।
अस्थमा के मरीजों के अलावा ह्दय रोगियों को विशेष सावधानी की जरूरत है। जरा सी लापरवाही उनके लिए जानलेवा हो सकती है। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक दुबे का कहना है कि ठंड के मौसम में नवजात अक्सर निमोनिया का शिकार होते हैं। उनकी पसलियों में दर्द होता है और जुकाम पसलियों को जकड़ लेता है। समय पर उपचार न मिलने पर बच्चों की ¨जदगी भी खतरे में पड़ जाती है। ये बरतें सावधानियां
- हृदय और अस्थमा रोगियों को सुबह की सैर से बचना चाहिए।
- कोहरा दमा रोगियों की मुश्किलें बढ़ाता है, लिहाजा बाहर निकलने से बचना चाहिए।
- नवजात को हमेशा गर्म ऊनी कपड़ों से सुरक्षा देनी चाहिए।
- डायबिटीज के मरीजों को भी सुबह की सैर से बचते हुए खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।