उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में आई तेजी
मैनपुरी जासं। यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन काम में दूसरे दिन और तेजी आ गई। प्रधान और सहायक परीक्षकों की तादात बढ़ने से काम अब गति पर आने लगा है। वैसे मूल्यांकन काम में अभी भी प्रधान और सहायक परीक्षक दूरी बनाते नजर आए। वहीं केंद्रों पर मूल्यांकन काम के दौरान भी कोरोना की चर्चा होती रही।
जासं, मैनपुरी: यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में दूसरे दिन और तेजी आ गई। प्रधान और सहायक परीक्षकों की तादात बढ़ने से काम अब गति पकड़ने लगा है। वैसे, मूल्यांकन कार्य में अभी प्रधान और सहायक परीक्षक दूरी बनाते नजर आए। वहीं, केंद्रों पर मूल्यांकन काम के दौरान भी कोरोना की चर्चा होती रही।
यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जिले के चार केंद्रों पर सोमवार से शुरू हो चुका है। दूसरे दिन मंगलवार को चारों केंद्रों पर मूल्यांकन काम में लगाए गए प्रधान और सहायक परीक्षकों की तादात और बढ़ने से काम में कुछ तेजी आती दिखी। शहर के राजकीय इंटर कॉलेज में दूसरे दिन 8902 और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुआ, जबकि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में 8721 और कॉपियां चेक की गई। वहीं करहल के जैन इंटर कॉलेज में 10775 और नर सिंह कॉलेज में 4951 उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकन किया गया।
चेतावनी रही बेअसर
मूल्यांकन काम से दूरी बना रहे प्रधान और सहायक परीक्षकों पर डीआइओएस की चेतावनी का कोई असर नहीं हो सका है। दूसरे दिन भी तीन सौ से ज्यादा प्रधान और सहायक परीक्षक मूल्यांकन से दूरी बनाते दिखे।
पुलिस रही तैनात
उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को बनाए गए चारों केंद्रों पर पुलिस का भी इंतजाम रहा। सभी केंद्रों पर चार-चार पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिहाज से तैनात किए गए।
वेबसाइट पर दर्ज होगी परीक्षकों की उपस्थिति
जासं, मैनपुरी: माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर मूल्यांकन का ब्योरा अपलोड किया जाएगा। परीक्षकों की उपस्थिति से लेकर तिथिवार उनके द्वारा जांची गई कॉपियां भी अपडेट होंगी। सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद नीना श्रीवास्तव ने मूल्यांकन शुरू होने से एक दिन पहले ही रविवार को डीआईओएस को जारी आदेश में परीक्षकों की उपस्थिति सूचना दोपहर 12 बजे एवं उत्तर पुस्तिकाओं की सूचना शाम छह बजे तक ऑनलाइन अपलोड कराने के निर्देश दिए हैं। आदेश से शिक्षकों में खलबली मची हुई है। वहीं, इस आदेश के बाद शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। अब वे न तो मूल्यांकन के दौरान कहीं लापता हो सकेंगे और न ही मिलीभगत से मनमानी कॉपियां ही जांच सकेंगे।