भास्कर ने उगाया स्वच्छता का 'सूरज'
ज्योत्यवेंद्र दुबे, मैनपुरी: ऐसे ही लोग स्वच्छ भारत मिशन के असली सारथी हैं। एक ओर जहां सरक
ज्योत्यवेंद्र दुबे, मैनपुरी: ऐसे ही लोग स्वच्छ भारत मिशन के असली सारथी हैं। एक ओर जहां सरकार लोगों को खुले में शौच से छुटकारा दिलाने के लिए हर घर में शौचालय बनवा रही है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो शौचालय का निर्माण कराने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। ऐसे ही एक युवा ने शौचालय का निर्माण कराने के लिए अपनी स्कूटी बेच डाली और शौचालय का निर्माण शुरू करा दिया।
हम बात कर रहे हैं विकास खंड मैनपुरी के गांव बरौली निवासी भास्कर उर्फ भानु शर्मा की। भास्कर के पिता की मौत लगभग 16 वर्ष पहले हो गई थी। इसके बाद दादी कांति देवी और मां ब्रजेश ने ही उसका पालन-पोषण किया। बीएससी तक पढ़ने के बाद घर का खर्च चलाने के लिए भास्कर ने फोटोस्टेट की दुकान खोल ली। दादी की उम्र 86 वर्ष की हो चली है। लड़खड़़ाते हुए कदम उन्हें घर की दहलीज से बाहर कदम रखने की अनुमति नहीं देते हैं, लेकिन घर में शौचालय न होने के कारण उन्हें खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में भास्कर ने घर में ही शौचालय बनवाने का निर्णय लिया। इसके लिए भास्कर ने कई बार स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनवाने के लिए कहा। लेकिन लाख कोशिशों के बाद शौचालय नहीं बन सका। इसी दौरान सर्दी शुरू होने के बाद एक दिन शौच के लिए गई दादी रास्ते में ही गिर गईं। जिसके बाद भानु ने निर्णय किया कि वह शौचालय बनवाकर रहेगा। उसने अपनी स्कूटी बेच डाली। 20 हजार रुपये में स्कूटी बेचकर अब भास्कर ने शौचालय निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है।
भास्कर का कहना है कि देश हमारा है और उसे स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी भी हमारी है। सभी लोगों को आगे आकर इसके लिए पहल करनी चाहिए।
बॉक्स
भास्कर जैसे लोगों से समाज के अन्य लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। भास्कर की पहल सराहनीय है, इसके लिए उन्हें शौचालय की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
सुरेश चंद्र मिश्रा, डीपीआरओ, मैनपुरी।