दिसंबर में बच्चे बिना बस्ते के सीखेंगे: 'नो बैग डे' का आयोजन, मैनपुरी में सप्ताह का हर शनिवार तय
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत, मैनपुरी में दिसंबर माह में 'नो बैग डे' के लिए चार शनिवार निर्धारित किए गए हैं। इन दिनों बच्चे बिना बैग के स्कूल ...और पढ़ें
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सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) - 2020 के अंतर्गत बच्चों को किताबों के दबाव से मुक्त रखकर एक दिन खेलकूद व अन्य गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक संस्कारों से जोड़ना है। इसके लिए ''नो बैग डे'' के अंतर्गत दिसंबर में चार शनिवार निर्धारित किए गए हैं। इस दिन बच्चे बिना बैग के ही स्कूल पहुंचेंगे। खेल-खेल में ही शिक्षक बच्चो को नैतिक और सामाजिक दायित्वों का बोध कराने के साथ उनकी प्रतिभा को निखारने का कार्य करेंगे।
प्रत्येक सप्ताह के शनिवार का हुआ निर्धारण
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी द्वारा बीएसए को भेजे गए पत्र के अनुसार माह के चारों शनिवार को ''आनंदम'' दिवस के माध्यम से बच्चों को मनोरंजक माध्यम में बिना किताबों के ही सिखाने का प्रयास किया जाएगा। इस माह छह, 13, 20 और 27 दिसंबर को परिषदीय स्कूलों में कोई भी बच्चा बैग लेकर नहीं आएगा। शिक्षकों को खेल-खेल में ही बच्चों को जानकारी देनी होगी। विभिन्न खेल, कहानी, नाट्य मंचन या फिर अन्य प्रतियोगिता के माध्यम से उनकी प्रतिभा व ज्ञान की परख की जाएगी।
नो बैग डे में स्कूल में होंगे ये कार्य
- अनुभवात्मक शिक्षा : विद्यार्थियों को व्यावहारिक एवं अनुभवजन्य शिक्षा दी जाएगी।
- समग्र विकास : शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ वास्तविक जीवन की स्थिति की समझ विकसित की जाएगी।
- कौशल विकास : अवलोकन आधारित सीखने की क्षमता को विकसित किया जाएगा।
- सामुदायिक विकास : समुदाय के साथ जुड़ाव और पारस्परिक निर्भरता की भावना को विकसित किया जाएगा।
- व्यावसायिक उन्मुखीकरण : स्थानीय कारीगर, शिल्पकार के साथ स्थानीय व्यवसाय की समझ विकसित कराई जाएगी।
- राष्ट्रीय संकल्पना : आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी, वोकल फार लोकल और ओडीओपी के प्रति जागरूक किया जाएगा।
इस संबंध में सभी प्रधानाध्यापक को अवगत कराया जा चुका है। अभिभावकों से भी अपील है कि वे अपने बच्चाें को इस माह के शनिवार को बैग के साथ स्कूल न भेजें। - दीपिका गुप्ता, बीएसए।

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