बंधक बना डॉक्टरों से हाथापाई, फेंकीं दवाएं
दवाओं की किल्लत से जूझते जिला अस्पताल में सीबीसी जांच की सुविधा भी दम तोड़ गई है। लगभग दो वर्षों से खराब पड़ी मशीन की मरम्मत को कई बार आश्वासन दिए गए लेकिन आज तक मरम्मत न हो सकी। सुविधा के अभाव में रोजाना लगभग आधा सैकड़ा मरीजों को वापस लौटाया जा रहा है।
मैनपुरी : घिरोर कस्बे में बुखार की सूचना पर परीक्षण करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को लोगों ने निशाने पर ले लिया। डॉक्टर के साथ हाथापाई की, दवाएं फेंक दीं, कागजात फाड़ दिए और पूरी टीम को एक कमरे में बंद कर दिया। करीब पंद्रह मिनट बाद बमुश्किल टीम को मुक्त किया गया। कस्बा घिरोर के मुहल्ला फर्रास में बुखार का प्रकोप है। गुरुवार को मुहल्ला निवासी सोनी शर्मा की पत्नी शालिनी की मौत बुखार से हो गई थी। अवनीश की तीन वर्षीय बेटी पल्लवी को भी बुखार था। शनिवार को पल्लवी ने भी दम तोड़ दिया। मुहल्ले में घर-घर चारपाई बिछी हैं। शनिवार को दोपहर सीएचसी से डॉ. राहुल उपाध्याय टीम को लेकर मुहल्ला में पहुंचे। टीम करीब दो दर्जन मरीजों के रक्त की स्लाइडें तैयार कर पाए थे कि लोग भड़क गए। इनका कहना था कि जांच में मलेरिया की पुष्टि क्यों नहीं हो रही है। दवाएं भी पूरी नहीं हैं। डा. उपाध्याय ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने गाली-गलौच की, एक कमरे में बंद करके मारपीट की। दवाएं फेंक दीं। परीक्षण के कागजात फाड़ दिए। डॉ. अंकित, शिवराज, भूपेंद्र और जहीर अहमद को भी बंधक बना लिया। बाद में कुछ ग्रामीणों के हस्तक्षेप से उन्हें कमरे से बाहर निकाला जा सका। डा. उपाध्याय ने घटना की तहरीर दी है।
दूसरी ओर, लोगों का कहना था कि मुहल्ले में बुखार फैला हुआ है। अस्पताल में डॉक्टर सुनते नहीं। दवाएं भी नहीं दी जा रहीं। बंधक के आरोप पर कहा कि मारपीट नहीं की गई है, सुविधाओं की मांग को लेकर विरोध जताया गया था। शाम को पहुंचे एसीएमओ
घिरोर: टीम को बंधक बनाने के मामले के बाद शाम को एसीएमओ डॉ. राकेश कुमार मुहल्ला फर्रास पहुंचे। उन्होंने उन मरीजों का दोबारा परीक्षण किया, जो सही जांच न होने की बात कह रहे थे। हालांकि जांच में रिपोर्ट वही आई। एसीएमओ ने बताया कि किट से जांच की गई है, मैनुअल जांच भी की गई है। सबको इलाज का आश्वासन दिया गया है। -----
अभी तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
देवेंद्र नाथ मिश्रा, प्रभारी निरीक्षक घिरोर थाना बॉक्स::
ये है जिला अस्पताल
फोटो नं.07, 08
- दो वर्षों से खराब पड़ी है सेमी ऑटोएनॉलाइजर मशीन
- सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट)की जांच नहीं हो पा रही है
-निजी पैथोलॉजी सेंटर पर चार से पांच सौ रुपये में हो रही जांच डेढ़ महीने में 65 मलेरिया रोगी मिले:: जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में सितंबर माह में करीब तीन सैकड़ा मरीजों के रक्त की जांच कराई गई। जिसमें 65 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई है।