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मौत पर गुस्सा, चिकित्सक और कर्मियों को पीटा, तोड़फोड़

जिला अस्पताल में दबंगई से मची रही अफरातफरी दहशत के चलते भागे मरीज दो घंटे ठप रहीं स्वास्थ्य सेवाएं मुकदमा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 10:07 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 06:24 AM (IST)
मौत पर गुस्सा, चिकित्सक और कर्मियों को पीटा, तोड़फोड़
मौत पर गुस्सा, चिकित्सक और कर्मियों को पीटा, तोड़फोड़

मैनपुरी, जागरण संवाददाता। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत पर आक्रोशित तीमारदारों ने जमकर दबंगई दिखाई। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक और स्टाफकर्मियों से मारपीट करते हुए तोड़फोड़ कर दी गई। इससे अफरातफरी मच गई। दहशत के चलते अनेक मरीज और उनके साथ आए परिजन भाग गए। देर रात तक तनाव की स्थिति बनी रही। घटना के विरोध में अस्पताल कर्मियों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। करीब दो घंटे तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं। रातभर अस्पताल छावनी बना रहा। बमुश्किल अस्पताल के हालात सामान्य हो सके। डॉक्टर की ओर से एक व्यक्ति को नामजद करते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया है।

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शहर कोतवाली के गांव रूपपुर निवासी अशोक कुमार बुधवार शाम 7:30 बजे पेट दर्द से पीड़ित पत्नी ज्योति को लेकर जिला अस्पताल इमरजेंसी पहुंचे। उस समय डॉ. आकांक्षा ड्यूटी पर थी। 7:53 बजे महिला की मौत हो गई। आठ बजे चिकित्साकर्मियों की ड्यूटी बदल गई। डॉ. राजीव यादव व आधा दर्जन अन्य चिकित्साकर्मी ड्यूटी पर आ गए। कुछ देर बाद मृतका के तमाम परिजन अस्पताल आ गए। उन्होंने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। वहां रखे उपकरण व सामान में तोड़फोड़ शुरू कर दी। विरोध करने पर डॉक्टर और स्टाफ कर्मियों से अभद्रता करते हुए पिटाई कर दी गई। भागते एक कर्मचारी को पकड़ लिया और जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा गया। मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की गई। दहशत से ड्यूटी पर महिलाकर्मी भयभीत हो गईं। अन्य चिकित्सा कर्मियों ने भागकर अपनी जान बचाई। इस घटना से आपात कक्ष में भर्ती मरीज व तीमारदार भयभीत हो गए। वे भी जान बचाकर भाग निकले। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी प्रकार हालात पर काबू पाया। इसके चलते करीब दो घंटे तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं। कुछ देर में ही अन्य चिकित्साकर्मी अस्पताल परिसर में प्रदर्शन कर कार्रवाई करने की मांग करने लगे। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने किसी प्रकार हालात सामान्य किए। इसके बाद ही स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हो सकीं। घटना की रिपोर्ट डॉ. राजीव ने अशोक कुमार व अज्ञात के विरुद्ध दर्ज कराई है। वहीं महिला के परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है। ठप रहा मरीजों का इलाज

हंगामे के बाद दो घंटे मरीजों का इलाज ठप रहा। इस दौरान कई मरीज आकस्मिक इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, लेकिन हंगामा देख आपात कक्ष तक जाने का साहस नहीं कर सके। कई मरीज यहां पहुंचे, लेकिन उपचार न होने के चलते लौट गए। दो घंटे बाद सीएमएस ने उपचार शुरू किया, फिर अन्य चिकित्सकों को बुलाया गया। सीसीटीवी से होगी उपद्रवियों की पहचान

अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टर कक्ष के बाहर सीसीटीवी है, लेकिन अंदर नहीं है। घटना की शुरूआत चिकित्सा कक्ष के अंदर हुई थी। इसलिए वहां के फुटेज पुलिस को नहीं मिल पाए हैं। चिकित्साकर्मियों को कक्ष के बाहर पीटा गया। वहां का घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को खंगालने की कोशिश शुरू कर दी है। फुटेज मिलने के बाद पहचान आसान हो जाएगी। - पोस्टमार्टम हाउस पर हुआ हंगामा

महिला का शव मोरचरी में रखवा दिया गया था। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी, लेकिन रात होने के चलते नहीं हो सका। गुरुवार को दोपहर तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ तो परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। बवाल होता देख पुलिस ने आनन फानन में कागजी कार्रवाई पूरी कर पोस्टमार्टम कराया। - रिपोर्ट में नहीं हुई मौत के कारण की पुष्टि

परिजनों की मांग पर चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट में मौत के कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। बिसरा सुरक्षित रखा गया है। इंस्पेक्टर कोतवाली ओमहरी बाजपेयी ने बताया कि बिसरा को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। जांच से मौत का कारण पता चल सकेगा।


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