जिला अस्पताल में ही मिलेंगी सभी तरह की दवाएं
प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने सुनीं लोगों की समस्याएं, दिए जवाब, बीमारियों के निदान को भी दिया परामर्श।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। सर्दियों के साथ बीमारियों का सितम भी बढ़ने लगा है। कहीं निमोनिया का हमला तेज हो रहा है तो कहीं श्वांस रोग से बुजुर्ग परेशान हो रहे हैं। पेट दर्द के साथ कोल्ड डायरिया का खतरा भी बढ़ रहा है।
जिला अस्पताल में न तो पर्याप्त दवाएं हैं और न ही संबंधित बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सक। मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगा उपचार कराना पड़ रहा है। तमाम सवालों के जवाब देने के लिए बुधवार को जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में जिला अस्पताल के सीनियर जनरल फिजीशियन एवं प्रभारी सीएमएस डॉ. आरके ¨सह जागरण कार्यालय पहुंचे। सवाल-जवाब: सर्द हवाओं के चलने के साथ कान में दर्द शुरू हो जाता है। दवाओं के बाद भी राहत नहीं मिली।
उपदेश कुमार यादव, एड., रठेरा।
- कान में यदि सामान्य समस्या हो तो उसे दवाओं के सहारे ठीक किया जा सकता है। लेकिन, यदि अक्सर दर्द रहता है तो बेहतर है कि इसके बारे में किसी ईएनटी विशेषज्ञ से परामर्श लें। सीने में अक्सर दर्द रहता है। अस्पताल में जांच तो नहीं होती सिर्फ ईसीजी की सलाह देकर लौटा दिया जाता है।
श्यामपाल ¨सह, सैदपुर बघौली।
- अस्पताल में ह्दय रोग विशेषज्ञ का पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है। हमारे यहां फिजीशियन की सलाह पर ईसीजी करा मरीजों की स्थिति का जायजा लिया जाता है। यदि कोई गंभीर बात होती है तो बेहतर उपचार के लिए मरीजों को सैफई रेफर किया जाता है। शरीर में खुजली की समस्या है। अस्पताल में दवा न होने की बात कहकर लौटाया जाता है।
प्रदीप ¨सह, आगरा रोड।
- जिला अस्पताल में दवाओं की किल्लत को देखते हुए ही शासन द्वारा जन औषधि केंद्र की शुरूआत कराई गई है। यहां बाजार से तीन गुना कम दाम पर मरीजों को अच्छी जेनेरिक दवाएं मिल रही हैं। कुछ समय पहले अधिकांश दवाएं खत्म हो गई थीं। लेकिन, अब कंपनी द्वारा सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। कार्पोरेशन का गठन भी हो गया है। 11 माह का बेटा है। शारीरिक तौर पर कमजोर है। सही ढंग से दूध भी नहीं पी रहा। हमेशा जुकाम रहता है।
अभिषेक मिश्रा, भरतवाल।
- यह कोई बीमारी नहीं है। मौसम बदलने पर अक्सर बच्चे चपेट में आते हैं क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही होती है। स्पताल में तीन-तीन बाल रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं। वे बच्चे के पोषण संबंधी आहार की जानकारी के साथ उचित परामर्श भी दे सकते हैं। आवारा श्वान ने काट लिया है। अस्पताल में इंजेक्शन न होने की बात कहकर लौटा दिया जाता है।
राजू यादव, गणेशपुर।
- जिला अस्पताल में इन दिनों एंटी रेबीज वैक्सीन के इंजेक्शन हैं। दुरुपयोग न हो, इसके लिए मरीज को आधार कार्ड साथ लाने की सलाह दी जाती है। यदि अस्पताल में इंजेक्शन की उपलब्धता के बावजूद कोई चिकित्सक बाहर से इंजेक्शन की सलाह देते हैं तो शिकायत के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। जागरण के सवाल-चिकित्सक के जवाब: सर्दियों के मौसम में श्वांस रोगियों की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में क्या बचाव करने चाहिए ?
- सर्दियों में श्वांस और अस्थमा रोगियों को दिक्कत होती है। हवा में नमी के साथ धूल के कण भी बढ़ते हैं। जिससे श्वांस नली और फेफडों में इंफेक्शन की शिकायत शुरू हो जाती है। बेहतर है कि बुजुर्ग कोहरे और सर्द हवाओं के बीच जाने से बचें। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के अलावा दूसरी मशीनें बंद पड़ी हैं। कब चालू होंगी ?
- रेडियोलॉजिस्ट का पद भी लंबे समय से खाली पड़ा हुआ है। शासन स्तर से तैनाती नहीं की जा रही है। इसके अलावा मशीन भी कुछ तकनीकी खामी है। ऑटोएनालाइजर मशीन को दुरुस्त कराने के लिए भी संबंधित कंपनी के ऑपरेटर को बुलाया गया है। प्रयास है कि जल्द ही इन मशीनों को चालू करा मरीजों को राहत दी जाए। अस्पताल में कितने विशेषज्ञों के पद हैं और कितने खाली पडे़ हैं ?
- जिला अस्पताल में विशेषज्ञों के 28 पद स्वीकृत हैं लेकिन इनमें से सिर्फ पांच की ही तैनाती है। रेडियोलॉजिस्ट, ह्दय रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, फिजीशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, वरिष्ठ परामर्शदाता, नेत्र रोग विशेषज्ञ, सर्जन, अस्थि रोग विशेषज्ञ, ईएमओ के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। लेकिन, अभी तक कोई राहत नहीं दी गई है।