मुठभेड़ के बाद दो हथियार तस्कर दबोचे, सरगना भागा
17 तमंचे बरामद सिरसागंज से करहल में कर रहे थे सप्लाई करहल के नगला मीर पुल के पास से किया गिरफ्तार अहम जानकारियां दीं।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। करहल क्षेत्र में फीरोजाबाद के हथियार तस्करों का नेटवर्क सक्रिय है और पुलिस को भनक भी नहीं लगी। सोमवार रात सूचना मिलने पर पुलिस ने घेराबंदी की तो तस्करों ने पुलिस टीम पर फायरिग कर दी। पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। उनका सरगना भाग गया। मौके से 17 तमंचे बरामद हुए हैं। हथियारों की इतनी बड़ी बरामदगी जिले में पहली बार हुई है। पुलिस ने फरार तस्कर की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय ने बताया कि सोमवार रात एसओ करहल ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर नगला मीर पुल के पास छिपे हथियार तस्करों की घेराबंदी की तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिग कर दी। हथियार तस्कर तमंचे में दोबारा गोली डालते, उससे पहले ही पुलिस ने दो को दबोच लिया, तीसरा साथी भाग गया। तस्करों के कब्जे से मिली पेटियों में 15 तमंचे व दोनों के पास से दो तमंचे बरामद हुए। पकड़े गए तस्करों ने अपना नाम धर्मदास निवासी कुंजपुरा गुंजन चौक थाना सिरसागंज फीरोजाबाद व सुनील कुमार जाटव निवासी आमोर श्यामनगर थाना सिरसागंज फीरोजाबाद व भागे हुए साथी का नाम उपेंद्र यादव निवासी सोथरा दुर्गापुर थाना सिरसागंज फीरोजाबाद बताया। पुलिस ने मामला दर्ज कर पकड़े गए हथियार तस्करों को जेल भेजा है। वहीं फरार उपेंद्र यादव की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी गई, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया।
पुलिस अधीक्षक ने तस्करों को पकड़ने वाली टीम को पांच हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। पूछताछ में पकड़े गए तस्करों ने तमंचों के खरीदार का नाम, पता पुलिस को नहीं बताया है। सिर्फ इतनी जानकारी दी है कि माल का खरीदार पुलिया के पास आने वाला ही था, तभी पुलिस आ गई। कुछ देर बाद पुलिस आती तो वे तमंचे उसके सुपुर्द कर फरार हो चुके होते। - थोक में 17 सौ रुपये का तमंचा:
अब तक पकड़े गए अवैध फैक्ट्री संचालकों द्वारा तमंचे की कीमत दो हजार से तीन हजार रुपये तक बताई जाती रही है। इस बार पकड़े गए तस्करों ने बताया कि वे फुटकर में अपना माल नहीं बेचते हैं। थोक में माल की आपूर्ति करते हैं। एक तमंचा 17 सौ रुपये में बेचते हैं। खरीदार इसी तमंचे को फुटकर में चार से पांच हजार रुपये कीमत में बेचता है। - फरार उपेंद्र यादव है सरगना:
हथियार तस्करों ने बताया कि उनका सरगना उपेंद्र यादव है। वह गुप्त ठिकानों पर तमंचे बनवाने का काम करता है। इस काम में कई कारीगर लगे रहते हैं। उपेंद्र की फैक्ट्री सिरसागंज क्षेत्र में चलती हैं। उपेंद्र को किसी का विश्वास नहीं है। पकड़े गए दोनों तस्कर उसके साथ लंबे अरसे से काम कर रहे हैं, लेकिन अपनी फैक्ट्री पर किसी को नहीं ले जाता है। - राजमिस्त्री व मजदूर हैं आरोपित:
पकड़ा गया धर्मदास राजमिस्त्री है। सुनील कुमार उसके साथ मजदूरी करता है। धर्मदास ने बताया कि दो वर्ष पहले उपेंद्र यादव उसे अपना मकान बनाने के लिए ले गया था। मकान बनाते-बनाते उपेंद्र यादव से घनिष्ठ संबंध हो गए। उपेंद्र ने उसे भी अपने धंधे में शामिल होने की सलाह दी। मुनाफा अधिक होने के कारण वह भी शामिल हो गया। - कौन है हथियारों का खरीदार:
पुलिस ने हथियार तस्करों को तो पकड़ लिया, लेकिन खरीदारों के संबंध में कोई जानकारी हासिल नहीं कर पाई है। पकड़े गए तस्कर भी पुलिस को गुमराह कर रहे हैं। अगर पुलिस खरीदारों का पता लगाने में सफल हो जाती है तो हथियार तस्करों के पूरे नेटवर्क को तोड़ना पुलिस के लिए आसान हो सकता है। तस्कर ने खोली नकल माफिया की पोल:
पकड़े गए सुनील जाटव से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वह बालिग है, लेकिन पढ़ाई देर में शुरू की थी। इस वर्ष कक्षा 10 की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की है। पुलिस अधीक्षक ने उसके विषयों की जानकारी ली तो नहीं दे सका। सिर्फ इतना कहा कि एका क्षेत्र के विद्यालय संचालक ने छह हजार रुपये में नकल कराने का ठेका लिया था। - अन्य फैक्ट्रियों से भी लेता है तमंचे:
पकड़े गए धर्मदास ने बताया कि दो वर्ष पहले भी सिरसागंज पुलिस ने उसे तमंचों सहित बंदी बनाया था। तब वे विनोद प्रधान की शस्त्र फैक्ट्री से तमंचे लेकर सप्लाई करने जा रहा था। धर्मदास ने विनोद प्रधान की शस्त्र फैक्ट्री के बारे में पुलिस को जानकारियां दी हैं। विनोद कौन है, फैक्ट्री कहां है, इसको लेकर पुलिस पत्ते नहीं खोल रही है।
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