पानी की बर्बादी पर अब कार्रवाई, मिलेगा दंड
कलक्ट्रेट सभागार में उप्र भूगर्भ जल प्रबंधन और विनियमन के संबंध में बैठक हुई। इसमें डीएम ने अधिकारियों से व्यावसायिक इस्तेमाल करने वालों के पंजीकरण के निर्देश दिए।
जासं, मैनपुरी: गुरुवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने अधिकारियों से कहा कि पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ अब कार्रवाई करें। ऐसे लोगों पर जुर्माना भी होगा। निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाए, इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। साथ ही ऐसे लोगों के पंजीकरण कराए जाएं।
कलक्ट्रेट सभागार में उप्र भूगर्भ जल प्रबंधन और विनियमन के संबंध में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि नियमावली के प्रविधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए। पानी की बर्बादी करने वाले लोगों को विरुद्ध सुसंगत नियमों के तहत प्रभावी कार्रवाई की जाए। व्यवसायिक कार्यों में पानी का प्रयोग करने वालों, बोरिग करने वाली मशीनों का सर्वोच्च प्राथमिकता निर्धारित शुल्क जमा कराकर पंजीकरण किया जाए।
उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल दूषित करने पर अधिकतम सात साल तक की सजा और 20 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। प्रस्तावित कानून के तहत सभी सबमर्सिबल पंप लगाने वालों को पांच हजार रुपया जमा कर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। घरेलू और किसानों को सबमर्सिबल लगाने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों और बड़ी हाउसिग सोसायटीज को नलकूप के जरिए पानी का दोहन करने पर तय शुल्क देना होगा।
मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने कहा कि जल संरक्षण के लिए ग्राम पंचायत से जिला स्तर तक निगरानी समिति का गठन होगा। उन्होंने कहा कि बोरिग करने वाली कंपनियों को भी पंजीकरण कराना होगा, उन्हें आनलाइन जानकारी देनी होगी कि माह में उन्होंने किस क्षेत्र में कितने सबमर्सिबल पंप लगाए।
बैठक में एएसपी अधीक्षक मधुबन कुमार सिंह, उपायुक्त उद्योग मो. सऊद, डीआइओएस मनोज कुमार वर्मा, जिला कृषि अधिकारी डा. गगनदीप, डीएचओ अनीता सिंह उपस्थित रहे। संचालन सहायक अभियंता लघु सिचाई विभाग पीके अग्रवाल ने किया।