पूरे जिले में ठप रही 108 एंबुलेंस सेवा, मरीज और तीमारदार रहे परेशान
कंट्रोल रूम से आता रहा मैसेज उपलब्ध नहीं हैं एंबुलेंस इमरजेंसी में बढ़ी मुश्किल मरीज ले जाने को भटके तीमारदार।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। सोमवार को जिले में 108 की एंबुलेंस सेवा मरीजों को नहीं मिल पाई। कंट्रोल रूम से असमर्थता जताए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने भी हाथ खडे़ कर लिए। परेशान तीमारदारों को प्राइवेट वाहनों की मदद लेकर मरीजों को सैफई ले जाना पड़ा।
जिले में 108 और एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) सेवा की 30 एंबुलेंस हैं। 108 सेवा चाहने वाले को कंट्रोल रूम पर फोन करना होता है। मरीज की लोकेशन लेकर एंबुलेंस भेजी जाती है। सोमवार को एंबुलेंस सेवा के लिए कंट्रोल रूम फोन करने वालों को एंबुलेंस उपलब्ध न होने का जवाब मिलता रहा।
कुर्रा थाना क्षेत्र के गांव कुसमाखेड़ा निवासी आरती (2 वर्ष) की बुखार से हालत बिगड़ने पर पिता सर्वेश इमरजेंसी लेकर पहुंचे। ईएमओ डॉ. आकांक्षा ने बालिका को प्राथमिक उपचार देकर तत्काल रेफर कर दिया। उन्होंने 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन कर एएलएस उपलब्ध कराए जाने की मांग की लेकिन कंट्रोल रूम ने कोई भी गाड़ी उपलब्ध न होने की बात कहकर असमर्थता जता दी। दन्नाहार थाना क्षेत्र के गांव जसवंतपुर निवासी रीनू (30 वर्ष) को भी गैसपिग की हालत में रेफर कर दिया गया। लगभग दो घंटा इंतजार के बाद जब एंबुलेंस न मिली तो परिजन प्राइवेट वाहन से उसे सैफई ले गए। एंबुलेंस क्यों उपलब्ध नहीं थी, इसका सही कारण कोई नहीं बता सका। सेवा प्रदाता एजेंसी के अधिकारी भी खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। 'हमें कंट्रोल रूम में गड़बड़ी की कोई जानकारी नहीं है। वहां से क्या मैसेज दिया गया, इसका भी पता नहीं। स्थानीय स्तर पर सेवा चालू थी, आज एएलएस एंबूलेंस ने दोपहर दो बजे तक छह केस भी अटैंड किए।'
- धीरज कुमार, कार्यक्रम प्रबंधक एंबुलेंस सेवा