वक्त के साथ बढ़ रहा श्रमदानियों का हौसला
जागरण संवाददाता, महोबा : धूप की तपिश के बीच गोरख सरोवर में चल रहे श्रमदान का सोमवार को एक माह पूरा
जागरण संवाददाता, महोबा : धूप की तपिश के बीच गोरख सरोवर में चल रहे श्रमदान का सोमवार को एक माह पूरा हो गया। वक्त के साथ ही बुंदेलों का हौसला भी बढ़ता जा रहा है। बता दें कि यह पर्वत नाथ सम्प्रदाय के संस्थापक गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि के रूप में विख्यात है और उन्हीं के नाम पर इस सरोवर का नाम गोरख सरोवर पड़ा। गोरख सरोवर में चल रहे श्रमदान अभियान की अगुवाई कर रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि जब 26 मई को श्रमदान शुरू किया गया था तो मात्र आठ लोग थे। हमें उम्मीद नहीं थी कि जल संरक्षण अभियान में इतनी जनता जुटेगी। बूढे, बच्चे, जवान सब तसला, फावड़ा और गेंती लेकर जुट गये। गोरख सरोवर पहुंचने के लिए शिव तांडव मंदिर से पहाड़ पर डेढ़ किमी पैदल चलना पड़ता है।
तारा पाटकर ने बताया कि एक माह में हजारों लोग गोरख सरोवर में श्रमदान कर चुके हैं। खुद जिलाधिकारी सहदेव, एसडीएम राजेश यादव, नगर पालिकाध्यक्ष दिलाशा सौरभ तिवारी, नगर के शिक्षक, डाक्टर, इंजीनियर, वकील, व्यापारी, स्कूली बच्चे आदि सभी श्रमदान कर चुके हैं। बिना किसी प्रशासनिक मदद के श्रमदानियों ने एक माह में अकेले ही आधा सरोवर खोद डाला और निकली मिट्टी से सरोवर के बंधे को ऊंचा कर दिया। रोज की तरह आज 30वें दिन भी सुबह 5.30 बजे श्रमदान शुरू हुआ और सात बजे तक चला। डा. एलसी अनुरागी, मनीष शंकर अमिष्ट, चंद्रशेखर स्वर्णकार, केजी द्विवेदी, प्रशांत गुप्ता, अभिषेक द्विवेदी, सिद्धे, अंचल सोनी, मुकुल गुप्ता, मुन्ना जैन, अच्छे लाल, पंकज गुप्ता, पवित्र, माधव खरे, रवि व प्रदीप चौरसिया समेत तमाम श्रमदानी मौजूद रहे।