Move to Jagran APP

खेल का ये दर्द है, छोरियां खेलती ही नहीं

जागरण संवाददाता, महोबा: पीवी सिंधू से लेकर फोगाट बहनों तक न जाने कितनी ही महिलाओं ने

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 11:15 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 11:15 PM (IST)
खेल का ये दर्द है, छोरियां खेलती ही नहीं
खेल का ये दर्द है, छोरियां खेलती ही नहीं

जागरण संवाददाता, महोबा: पीवी सिंधू से लेकर फोगाट बहनों तक न जाने कितनी ही महिलाओं ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत खुद को साबित किया है। ये दर्शाया है कि खेलों में भी महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। इससे देशभर की उन महिला खिलाड़ियों में जोश का संचार हुआ जो देश के लिए पदक लाने का सपना देखती हैं। हालांकि महोबा में ऐसा कुछ नजर नहीं आता। यहां तो खेल खुद दर्द में हैं जो कराहते हुए छोरियां के न खेलने की पीड़ा बयां करता है।

loksabha election banner

महोबा में खेल प्रतिभाओं को तराशने की मुहिम परवान नहीं चढ़ पा रही है। क्रीड़ा और अन्य विभागों की लापरवाही कहें या फिर महिला खिलाड़ियों में जागरूकता की कमी कि एक दर्जन से अधिक खेलों के लिए सिर्फ चार महिला खिलाड़ी ही मिल सकी हैं। महोबा के उप क्रीड़ा अधिकारी रामचंद्र बताते हैं कि उन्होंने पिछले 29 अगस्त को जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ जनपद की बालिका इंटर कालेज के प्रधानाचार्यों को पत्र भेजकर विभिन्न खेलों के ट्रायल होने की जानकारी दी थी। साथ ही ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित करने को कहा था। इसके साथ ही जीजीआईसी व सरस्वती बालिका इंटर कालेज के प्रधानाचार्यों से व्यक्तिगत संपर्क भी किया। इसके बावजूद महिला खिलाड़ियों की संख्या नहीं बढ़ सकी। पिछले 2 सितंबर से चल रहे ट्रायल में अब तक एक बच्ची रहनुमा फुटबाल के लिए और लक्ष्मी व अन्य दो बच्चियां एथलेटिक्स का प्रशिक्षण लेने पहुंची हैं अब इन्हीं के सहारे ट्रायल की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

------------------

अब तक हो चुके कई खेलों के ट्रायल

महोबा स्टेडियम में अब तक तैराकी, टेबल टेनिस, बास्केटबाल, हैंडबॉल और कबड्डी के ट्रायल हो चुके हैं। इनमें एक भी खिलाड़ी नहीं पहुंचा। अभी जिमनास्टिक, खोखो, बालीवाल, टेनिस, हॉकी, निदेशालय के आदेश का हवाला देते हुए पत्र भेजने के साथ व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क कर खिलाड़ियों को भेजने का आग्रह किया था। हालांकि विद्यालयों से किसी भी खेल के लिए एक भी खिलाड़ी नहीं मिल सका।

रामचंद्र, जिला उप क्रीड़ाधिकारी

-------------

क्रीड़ाधिकारी ने संपर्क किया था। विद्यालय में खेल मैदान की समस्या के चलते बच्चे अभ्यास नहीं कर पाते इसीलिए प्रतियोगिताओं में भेजने में दिक्कत आती है।

वंदना तिवारी, प्रधानाचार्य, सरस्वती बालिका इंटर कालेज

-----------

स्टेडियम का पत्र मिला है, बच्चों को अधिक से अधिक प्रतिभाग के लिए उनके बीच घोषणा भी की गई है पर अभी छात्राओं के बीच कहीं न कहीं घर का दबाव व संकोच रहता है इस लिए वे खुल कर घर वालों से कहकर ऐसे ट्रायल्स में हिस्सा नहीं ले पाती।

सरगम खरे, प्रधानाचार्य जीजीआईसी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.