महोबा में भारत बंद का मिला जुला रहा असर
जागरण संवाददाता, महोबा: एससी-एसटी एक्ट में बदले सजा प्रावधानों के विरोध में आहूति की गई बं
जागरण संवाददाता, महोबा: एससी-एसटी एक्ट में बदले सजा प्रावधानों के विरोध में आहूति की गई बंदी का जनपद में मिला जुला असर रहा। अधिकांश बाजारें सुबह बंद रहीं पर किसी प्रभावशाली चेहरे के सामने न आने से लोगों ने 12 बजे से एक के बाद एक दुकाने खोलना शुरू कर दिया। जिसके चलते दोपहर 1 बजे तक पूरा बाजार खुला नजर आया।
महोबा शहर में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के अध्यक्ष अनुज दीक्षित ने सहयोगियों के साथ बाजार में निकल कर दुकानें बंद रखने का आग्रह किया। युवकों की टोली जिधर निकल रही थी उधर की बाजार बंद हो रही थी। किसी ने बंदी का विरोध भी नहीं किया। चरखारी बाजार भी सुबह लगभग साढ़े ग्यारह बजे तक बंद रही और उसके बाद खुलनी शुरू हो गई। कुलपहाड़ में बंदी का असर नजर नहीं आया। गुरुवार को बंदी का दिन होने के बाद भी दुकाने खुलीं। इसके अलावा बेलाताल, पनवाड़ी, श्रीनगर आदि इलाकों में मान्य तरीके से बाजारें खुली और काम काज हुआ। बुधवार देर शाम को व्यापार मंडल के कुछ गुटों ने ई रिक्शा से लाउडस्पीकर से दुकानें बंद रखने का आह्वान जरूर किया पर कोई सगठन सड़क पर नहीं आया।
उधर अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्माण युवजन सभा ने भी तहसील पहुंचकर प्रदर्शन किया और एससीएसटी एक्ट के विरोध में उपजिलाधिकारी सदर राजेश कुमार यादव को ज्ञापन सौंपा। कहा कि इस एक्ट को वापस नहीं लिया जाता तो युवजन सभा आगे और जोरदार ढंग से प्रदर्शन करेगी। इस दौरान महासचिव आदर्श तिवारी, अवधेश शर्मा, अरुण शर्मा, सत्येंद्र शुक्ला, मनीष शर्मा, सुबोध ¨बदुआ, देवेंद्र शर्मा, राकेश ¨सह, जोनी पालीवाल आदि मौजूद रहे।
भारत बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे व्यापारी
संवाद सूत्र, खरेला: एससी एससी एक्ट में हुए बदलाव के विरोध में खरेला व्यापार मंडल ने भारत बंद के समर्थन में मंगली बाजार व शनिचरी बाजार बंद रखा। पुलिस प्रसाशन किसी तरह के उपद्रव को लेकर निगरानी रखे था। व्यापार मंडल अध्यक्ष राजू गुप्ता ने नेतृत्व किया और व्यापार मंडल के पद्धकरियो ने एक्ट में हुए बदलाव का विरोध किया और बदलाव से अनजान लोगों को इसकी जानकारी दी। इस दौरान व्यापारी ईश्वरदास, शंकर, वकील, ¨पकू गुप्ता, मेवालाल गुप्ता, वीर ¨सह, छोटे गुप्ता, शिव कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे। कबरई में भी बन्द का मिला जुला असर रहा। एक्ट में परिवर्तन के विरोधियों ने अधिकांश दुकाने व प्रतिष्ठान बंद रहे वहीँ अन्य वर्गों ने भी आशंका के चलते अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।