देश पर संकट में फर्ज निभाया, सरकार ने बिसरा दिया
जागरण संवाददाता, महोबा : भारत-चीन युद्ध के समय जब देश संकट में था तो मुढ़ारी गांव के लोगों ने
जागरण संवाददाता, महोबा : भारत-चीन युद्ध के समय जब देश संकट में था तो मुढ़ारी गांव के लोगों ने तिजोरियां खोल दी थीं। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 54 किलो चांदी से तौल दिया था। अब जब गांव संकट में है तो सरकारी तंत्र ने उसे बिसरा दिया है। बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान 15 हजार लोगों की प्यास बुझाने को कोई कारगर इंतजाम नहीं किया जा रहा है। पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे लोगों में इसको लेकर जबरदस्त नाराजगी है।
बरसात की कमी से बेलाताल में हुई पानी की किल्लत के चलते जैतपुर पेयजल योजना से मुढ़ारी की जलापूर्ति इसी वर्ष मार्च में बंद कर दी गई। जिला प्रशासन के आदेश पर ग्रामसभा ने अप्रैल से टैंकरों से जलापूर्ति कराई। बरसात का मौसम आते ही 27 जुलाई से टैंकर बंद करने के आदेश पारित कर बेलाताल से जलापूर्ति को कहा गया। इसके बाद भी जलापूर्ति नहीं की जा रही है। इन हालात मेंगांव की महिलाएं और बच्चे दो किमी दूर स्थित इंदिरा गेट के पास के हैंडपंप से पानी लाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मुढ़ारी अकौना रोड पर इसी वर्ष मई में बढ़इया नाला के पास लाखों रुपये खर्च कर जल निगम ने नया बोर कराया। जल संस्थान के जेई उसमें पर्याप्त पानी भी बताते हैं, इसके बाद भी अधिकारी जलापूर्ति नहीं करा रहे हैं। जल संस्थान के अवर अभियंता पवन कुमार के अनुसार जल निगम से आदेश मिलने के बाद ही जलापूर्ति चालू हो सकेगी। ''सूखे के समय टैंकर से वैकल्पिक जलापूर्ति की जाती है, जो एक समय सीमा पर बंद होती है। मौजूदा समय में ग्राम पंचायतों के पास पर्याप्त निधि है कि वे वहां के हैंडपंप दुरुस्त कराएं। अन्य किसी तरह की समस्या आने पर जानकारी मुहैया कराने के बाद विकल्प पर विचार किया जा सकता है।
- सहदेव, जिलाधिकारी महोबा