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महोबा में नहरों की सफाई के नाम पर खेल, सर्वे में खुली पोल

जागरण संवाददाता महोबा डीएम ने नहरों की सिल्ट सफाई को लेकर हुए खेल पर नाराजगी जताई थी। वहीं सोमवार को टीम ने जब सिल्ट सफाई का निरीक्षण किया तो व्यवस्था की पोल खुल गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 11:12 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 11:12 PM (IST)
महोबा में नहरों की सफाई के नाम पर खेल, सर्वे में खुली पोल
महोबा में नहरों की सफाई के नाम पर खेल, सर्वे में खुली पोल

जागरण संवाददाता, महोबा : डीएम ने नहरों की सिल्ट सफाई को लेकर हुए खेल पर नाराजगी जताई थी। साथ ही जांच रिपोर्ट मांगी थी। सोमवार को चार टीमों ने सिल्ट सफाई का निरीक्षण किया। इसके बाद रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।

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जिले में उर्मिल बांध से लेकर अर्जुन सहायक, मौदहा बांध, कबरई बांध आदि से कई छोटी-बड़ी नहरें निकली हैं। इनमें बारिश के दौरान या नहरों के संचालन के दौरान सिल्ट जमा हो जाती है। हर साल उसे साफ कराने के लिए सिचाई प्रखंड, सपरार खंड झांसी को इसके लिए बजट मिलता है। इस साल भी करीब नब्बे लाख का बजट सफाई में खर्च हुआ। हकीकत यह है कि नहरों में अभी भी सिल्ट जमा है और पानी टेल तक नहीं पहुंच रहा है। इसकी जांच के लिए चरखारी एसडीएम राकेश कुमार ने चरखारी सहित कई अन्य क्षेत्रों की नहरों को चेक किया। इसी तरह दूसरी टीम में उपायुक्त श्रम रोजगार सत्यराम यादव ने टीम के साथ नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य देखा। इनके अलावा टीम में तकनीकी अधिकारी केसी त्रिपाठी सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग और विभागीय अधिकारी सहायक अभियंता सिचाई प्रखंड रवि गुप्ता, तीसरी टीम में महोबा एसडीएम राजेश कुमार यादव, साथ में एक्सईएन ग्रामीण अभियंत्रण के एमआरएम खान ने जांच की। देर शाम जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई। किसान करेंगें आंदोलन

नहर में पानी न आने से किसान नाराज हैं। आरोप है कि सिचाई विभाग के ठेकेदार ने सिल्ट हटवाई ही नहीं इसीलिए पानी आगे नहीं बढ़ सका है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही नहरों में पानी नहीं आया तो आंदोलन किया जाएगा।

अर्जुन नहर की सिल्ट सफाई में की गई लापरवाही के चलते विकासखंड चरखारी के निबुआरी, जसवारी, संतोषपुरा, मरकुई, कुम्हरई माइनरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। इस समय किसान पलेवा के लिए परेशान हो रहे हैं। गौरतलब है कि अर्जुन बांध की मुख्य नहर अकठौंहा, सबुआ, गुढा, संतोषपुरा, रिवई, खरेला होते हुए हमीरपुर जिले तक 42 किमी लंबाई में फैली हुई है। इससे कई माइनर निकलते हैं। यह माइनर क्षेत्र में सिचाई का मुख्य साधन हैं। बीते वर्ष तक सभी माइनरों में पर्याप्त पानी पहुंचा था। इससे चरखारी तहसील के दस हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर सिचाई की गई थी। इस बार अभी तक ऐसा नहीं हो सका है। किसान रमेश द्विवेदी,बलराम सिंह,द्रगपाल सिंह, रवींद्र प्रताप, रामदास अहिरवार ने कहा कि जल्द ही माइनर में पानी नहीं आया तो किसान आंदोलन करेंगे। सिचाई विभाग के जेई शिवलाल ने बताया कि मुख्य नहर में पानी के बहाव में तेजी नहीं आ रही है। इस वजह से माइनरों में पानी कम जा रहा है।


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