बेटियों की सस्ती शिक्षा के लालच में चुप अभिभावक
जागरण संवाददाता, महोबा: डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहे देश में कुलपहाड़ का जीजीआइसी क
जागरण संवाददाता, महोबा: डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहे देश में कुलपहाड़ का जीजीआइसी कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर सफेद हाथी बना हुआ है। उपकरण आने के बाद शायद ही किसी छात्रा ने इन कंप्यूटर्स को देखा हो। बंद कमरे में धूल फांक रहे उपकरण को चलाने वाला कोई शिक्षक ही नहीं है। अभिभावक भी बेटियों की सस्ती शिक्षा के लालच में किसी से कुछ कह नहीं पाते हैं।
बदहाल भवन के विद्यालय में लगभग अधिकांश व्यवस्थाएं भी बदहाली का शिकार हैं। कहने के लिए कॉलेज में कंप्यूटर भी है जो महज होने का कोरम पूरा कर रहा है। एक कमरे में दस कंप्यूटर रखे है। उसको स्टोर रूम कहें या कंप्यूटर कक्ष कुछ स्पष्ट नहीं हैं। कंप्यूटर तो आ गए पर कॉलेज में कोई शिक्षक नही है जो छात्राओं को इसकी शिक्षा दे सके। इस लिए कंप्यूटर लैब हमेशा बंद रहती है। साइंस लैब की कल्पना करना तो दिन में तारे देखना जैसा है। इसलिए छात्राओं ने यहां विज्ञान विषय ही लेना बंद कर दिया है।
कॉलेज की दरो-दीवारें इतनी जर्जर है कि कभी भी भरभरा कर ढह सकती है। जिस कैम्पस में कॉलेज चल रहा है वह शिक्षा विभाग का नही है। जर्जर भवन के रखरखाव या मरम्मत के लिए शासन-प्रशासन से कोई वित्तीय मदद नहीं मिलती है, इसलिए हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। जीजीआइसी के जो हालत है उससे कालेज गर्व नहीं क्षोभ ज्यादा पैदा होता है। अधिकांश अभिभावक भी यथा स्थिति से वाफिक हैं, लेकिन वो भी इसलिए चुप्पी साधे हुए है क्योंकि शिक्षा के नाम पर उन्हें अपनी बेटियों पर भारी-भरकम धनराशि खर्च नही करनी पड़ रही है।
विद्यालय का निरीक्षण किया है, उच्चाधिकारियों को हर बात की जानकारी दी गई है। जनपद में शिक्षकों कमी है। शिक्षक मिलते ही कंप्यूटर शिक्षा अपडेट की जाएगी।
सुरेश प्रताप ¨सह, जिला विद्यालय निरीक्षक