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शर्मनाक! वार्ड ब्वाय तक का शवगया रिक्शे पर

जागरण संवाददाता महोबा कितना है बदनसीब जफर दफ्न के लिए। दो गज जमीं भी न मिली कू-ए-यार में

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 06:25 AM (IST)
शर्मनाक! वार्ड ब्वाय तक का शवगया रिक्शे पर
शर्मनाक! वार्ड ब्वाय तक का शवगया रिक्शे पर

जागरण संवाददाता, महोबा : कितना है बदनसीब जफर दफ्न के लिए। दो गज जमीं भी न मिली कू-ए-यार में। सात समंदर पार कैद बहादुरशाह जफर की मजबूरी को बयां करता यह शेर आज आम आदमी के प्रति सरकारी संवेदनहीनता बनकर सामने आया है। गुरुवार को महोबा जिला अस्पताल की घटना ने संवेदनाओं को कुछ इसी तरह शर्मसार किया। जिस वार्ड ब्वाय ने मरीजों की सेवा में जिंदगी बिता दी, उसका शव घर भेजने के लिए अस्पताल प्रशासन वाहन तक मुहैया नहीं करा सका। मजबूर पत्‍‌नी रिक्शे पर पति का शव ले गई।

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हमीरपुर के सिकंदरपुर जाट निवासी 50 वर्षीय प्रमोद गुप्ता महोबा में गांधीनगर में रहते थे। वह गहरौली मुस्कुरा सरकारी अस्पताल में वार्ड ब्वाय थे। गुरुवार उनकी तबीयत खराब हुई तो पत्नी गीता पुत्र के साथ लेकर जिला अस्पताल पहुंची। जहां ईएमओ डॉ. एके सक्सेना ने उनको मृत घोषित कर दिया। परिवार वालों ने शव वाहन मांगा, तो अस्पताल प्रशासन ने मना कर दिया। मां-बेटे घंटों इधर-उधर भटके पर वाहन नहीं मिला। बेबस महिला रिक्शे से पुत्र के साथ पति के शव को गोद में लेकर घर चली गई।

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ईएमओ ने बताया कि मौत की वजह संदिग्ध लग रही थी। पोस्टमार्टम की बात पर परिवारीजन जबरन शव ले गए। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई है।

डॉ. आरपी मिश्र, सीएमएस, जिला अस्पताल।


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