भड़काऊ पोस्ट पर सेवानिवृत्त आइपीएस सहित दो के खिलाफ रिपोर्ट
एनआरसी और सीएए के खिलाफ सोशोल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में कोतवाली में तैनात दारोगा ने सोशल मीडिया के एक ग्रुप एडमिन सहित दो लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज वाला नंबर जनपद में रह चुके पूर्व आईपीएस वजीह अहमद के वाट्सएप का है।
जागरण संवाददाता, महोबा : नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में सेवानिवृत्त आइपीएस वजीह अहमद समेत दो लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिले में एसपी रह चुके सेवानिवृत्त आइपीएस वर्तमान में लखनऊ में रहते हैं। उन्होंने फोन पर हुई बातचीत में कहा कि मोबाइल घर पर ही रहता है। संभव है कि बच्चे या फिर किसी से गलती से मैसेज फारवर्ड हो गया। एसपी ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
शुक्रवार को कोतवाली में उपनिरीक्षक राजबहादुर सिंह ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि वह एक टीवी चैनल के नाम से बनाए गए स्थानीय वाट्सएप ग्रुप से जुड़ा है। गुरुवार रात 10:53 बजे ग्रुप में मोबाइल नंबर 9532125632 से भड़काऊ मैसेज फारवर्ड किया गया। यह मोबाइल नंबर सेवानिवृत्त आइपीएस वजीह अहमद का है। उनके व ग्रुप एडमिन जावेद बागवान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जागरण संवाददाता ने जब उक्त नंबर पर कॉल लगाई तो पूर्व आइपीएस की पत्नी ने कहा कि एफआइआर की जानकारी मिली है लेकिन, मैसेज उन्होंने नहीं डाला। मैसेज कैसे फारवर्ड हुआ, यह जांच में सामने आएगा। उन्होंने बताया कि शायद किसी ने मोबाइल नंबर हैक कर शरारत की हो। कुछ देर बाद पूर्व आइपीएस ने जागरण को फोन कर बताया कि वह नजीम खान के माध्यम से ग्रुप से जुड़े हैं। यह मैसेज यूनाइटेड अगेंस्ट फेक ग्रुप से आया था। मोबाइल घर पर रहता है, हो सकता है कि गलती से बच्चे या किसी से मैसेज फारवर्ड हो गया। हालांकि उन्होंने कहा कि एफआइआर में धारा 194ए लगाना गलत है। यह धारा किसी को धमका कर कोई काम कराने पर लगाई जाती है। इस संबंध में एसपी से आपत्ति भी जताई है। कुछ दिन बाद खुद महोबा आऊंगा। मैं भागने वाला नहीं हूं। एसपी मणिलाल पाटीदार ने बताया कि मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।