जेल में कैदी की संदिग्ध हालात में मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
डीएम बंगले से लौटे परिजनों ने शव परमानंद चौराहा पर रखकर लगाया जाम
जागरण संवाददाता, महोबा : शहर के उप कारागार में निरुद्ध एक बंदी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसकी पत्नी व पुत्र ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए हत्या की आशका जताई है। कारागार के अंदर हुई इस मौत से हड़कंप मचा हुआ है। परिजनों ने जिलाधिकारी से इस मामले की जाच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की माग की है। डीएम सहदेव ने उन्हें न्याय का भरोसा दिया। डीएम बंगले से लौटे लोगों ने शव परमानंद चौराहा पर रखकर जाम लगा दिया।
शहर कोतवाली के दिसरापुर गाव निवासी भूपसिंह राजपूत (50) 26 मई 2017 से मुख्यालय के उप कारागार में हत्या के एक मामले में निरुद्ध था। परिजन भी उससे मिलाई करने आते रहते थे। बुधवार भोर अचानक उसकी कारागार के अंदर मौत हो गई और बताया गया कि उसका शव जिला अस्पताल में रखा गया है। जानकारी होते ही परिजन व ग्रामीण जिला अस्पताल आए और जेल प्रशासन पर भूपसिंह की हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की माग की। मृतक भूपसिंह की पत्नी सच्जन व पुत्र करन ने बताया कि वह अक्सर उनसे मिलने कारागार आते थे, उन्हें कोई भी बीमारी नहीं थी। करन ने कहा कि मंगलवार को मुलाकात करने गए थे तो पिता पूरी तरह स्वस्थ थे। उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं बताई। उन्होंने बताया कि एक सिपाही का फोन आया कि भूपसिंह की मौत हो गई। अचनाक मौत की सूचना से पूरा मामला संदिग्ध लग रहा है। जिलाधिकारी को भी इससे अवगत कराया गया। डीएम ने मामले की जाच करा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का भरोसा दिया है। डीएम बंगले से लौटे लोगों ने परमानंद चौराहा पर शव रख कर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे सीओ जीतेंद्र दुबे ने लोगों को समझाया तो परमानंद चौराहा से हटने के बाद परिजन स्ट्रेचर पर शव लेकर कानपुर सागर हाईवे हमीरपुर चुंगी पहुंच गए और वहा जाम लगा दिया। परिजन जेल अधिकारियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने की माग कर रहे थे। एसडीएम राजेश यादव के समझाने पर भी नहीं माने तो सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने हमीरपुर चुंगी पहुंच कर परिजनों को जाच का आश्वासन दिया, तब पौने दो घटे बाद जाम खुला। इस दौरान हाईवे पर दोनों तरफ ट्रकों की लंबी कतार लगी रही।
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कैदी ने रात में अचानक सीने में दर्द की शिकायत की थी। चिकित्सीय परीक्षण के बाद हार्ट अटैक का अंदेशा देख जिला अस्पताल भेजा गया। प्रयास और इलाज के बाद भी नहीं बचाया जा सका।
भोलानाथ मिश्र, जेलर महोबा उप कारागार