फार्मासिस्ट के भरोसे सीएचसी व पीएचसी
जागरण संवाददाता, महोबा : स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार गंभीर है
जागरण संवाददाता, महोबा : स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार गंभीर है और करोड़ों रुपया व्यय कर योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। लेकिन शहर के जिला अस्पताल में ही बदहाल व्यवस्थाएं दिखाई देती है। यहां मानकों के सापेक्ष डाक्टर नहीं है तो ग्रामीण अंचलों के सीएचसी और पीएचसी का हाल भी कुछ ठीक नहीं है। एक तो वैसे भी स्टाफ की कमी है और ऊपर से ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डाक्टर साहब भी ड्यूटी करने नहीं आते। कई जगहों पर फार्मासिस्टों के भरोसे अस्पताल चल रहा है। जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
नजीर के तौर पर जैतपुर ब्लाक के अजनर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को ही ले लें तो यहां स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा जिम्मा फार्मासिस्ट मनोज के भरोसे है। सोमवार को केंद्र पहुंचने पर फार्मासिस्ट अपने काम को बखूबी अंजाम देते दिख लेकिन डाक्टर साहब का कक्ष बंद मिला। पूछने पर फार्मासिस्ट ने बताया कि यहां स्टाफ की कमी है और उनके अलावा चिकित्साधिकारी व स्वीपर विनोद की ही तैनाती है। कमोवेश यही स्थिति अन्य पीएचसी व सीएचसी की है।
डाक्टर साहब अधिकतर रहते नदारद : अजनर के पीएचसी में वैसे तो डा. बीजी गुप्ता की तैनाती है। लेकिन यहां के लोगों ने बताया कि वह अक्सर गायब रहते है। कभी कभार वह अस्पताल आ जाए तो कहां नहीं जा सकता। यहां आने वाले मरीजों का उपचार महज फार्मासिस्ट के भरोसे है। चर्चा है कि डाक्टर साहब अस्पताल की जगह कहीं और उपचार करने में रुचि ले रहे है। जिससे शासन की मंशा को ठेंगा दिखाया जा रहा है।
झोलाछाप का सहारा लेना मजबूरी : सोमवार को अस्पताल में उपचार कराने आए देवथा मप्र के दिलीप ने बताया कि वह अपने बहन का उपचार कराने आया है। बताया कि पहले भी वह आया लेकिन अस्पताल में डाक्टर नदारद रहते है और फार्मासिस्ट ही इलाज करते हैं। वहीं लक्ष्मण व अमरनाथ निवासी अजनर ने बताया कि चिकित्सक के न रहने से उन्हें मजबूरन झोलाछाप का सहारा लेना पड़ता है। उधर फार्मासिस्ट मनोज बताते है कि यहां इन दिनों करीब 15-20 मरीज आते है जिनका बेहतर उपचार किया जा रहा है।
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सभी को अस्पताल में ड्यूटी देने के निर्देश दिए गए है। यदि कोई डाक्टर नहीं बैठता तो जांच कराई जाएगी। स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए शासन को पत्राचार किया गया है।
- डा. सुमन, सीएमओ।