Move to Jagran APP

देश आजाद होने पर झूमने लगे थे लोग

जागरण संवाद, महोबा : देश की आजादी के बारे में जिक्र करते ही 85 वर्षीय वृद्ध पं गोपाल पटैरि

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 11:28 PM (IST)
देश आजाद होने पर झूमने लगे थे लोग
देश आजाद होने पर झूमने लगे थे लोग

जागरण संवाद, महोबा : देश की आजादी के बारे में जिक्र करते ही 85 वर्षीय वृद्ध पं गोपाल पटैरिया का सीना चौड़ा हो गया और उन्होंने उस दौर का संस्मरण सुनाया। उनकी आंखों में फक्र दिखा लेकिन देश की वर्तमान तस्वीर को देखकर वह दुखी भी हुए। भटीपुरा निवासी पं गोपाल पटैरिया बताते है कि 1947 के उस दौर में वह महज 14 साल के थे। तब 5 अगस्त को एक आंदोलन पं मन्नू लाल द्विवेदी, ममता सक्सेना की अगुवाई में चला था। जिसमें कुछ रियासत कर्मी, पुलिस अधिकारियों ने गिरफ्तारी दी थी। वह बताते है कि एक पुलिस वाले के साथ वह भी गिरफ्तारी देने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें बच्चा कहकर अंग्रेज पुलिस ने भगा दिया था।

loksabha election banner

नौगांव मप्र में एक पालीकल एजेंट अंग्रेज अधिकारी ने आंदोलन दबाने का प्रयास किया और फोर्स को बुलाकर लाठी चार्ज कराया और सभी को गिरफ्तार कराया, लेकिन देशभक्तों का हौसला नहीं टूटा और 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ। बकौल पं गोपाल पटैरिया उतनी उम्र में वह झूमने लगे और हर देश भक्त के चेहरे पर खुशी थी। सभी उस दौरान नाच रहे थे। लग रहा था कि उन्हें कोई नायाब तोहफा मिल गया हो। उम्मीद जगी की अमीर और गरीब की खाई कम होगी और शासन सत्ता यहां के नेताओं के हाथों में जाने से देश का विकास होगा। लेकिन वह दुखी हो जाते है जब इस दौर की बात की जाती है। कहते है नेता वोट और जाति पात की राजनीति कर रहे हैं, जिससे देश गर्त में जा रहा है और जो सपना आजादी के दीवानों ने देखा था वह शायद ऐसी स्थिति में पूरा नहीं हो सकता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.