कूड़ा उठान के नाम पर धन का हो रहा बंदरबांट
संवाद सूत्र (महोबा) पनवाड़ी : पंचायतों में कूड़ा उठाने के लिए अतिरिक्त बजट होता है। इसमें
संवाद सूत्र (महोबा) पनवाड़ी : पंचायतों में कूड़ा उठाने के लिए अतिरिक्त बजट होता है। इसमें ग्राम प्रधानों ने जमकर खेल किया। कूड़ा उठा या नहीं इसके कोई मतलब नहीं। उसके काम की एमबी जरूर तैयार कर ली। जेसीबी से काम होना दिखा कर बजट खर्च शो कर दिया जा रहा है। यह हाल अधिकांश पंचायतों का है।
विकास खंड पनवाड़ी में कई ग्राम पंचायतों में कचरा सफाई के नाम पर खेल चल रहा है। इसमें पचास हजार से लेकर 99 हजार रुपये तक का भुगतान दिखाया जा रहा है। कचरा सफाई के लिए विकास खंड में तैनात जेई घर बैठे ही नोटों की चमक देख कर रहे घर बैठे एमबी तैयार कर रहे हैं जबकि होना यह चाहिए कि पहले कराए गए काम का सत्यापन होना चाहिए। इसके बाद इसमें पेमेंट के लिए एमबी तैयार हो। पंचायतों में प्रधान जेसीबी द्वारा तीन से पांच हजार रुपये तक का खर्च कर कचरे की सफाई हो जाती है। वहीं जेसीबी से काम कराने का कहीं जिक्र नहीं किया जाता है। एमबी के आधार पर ही सचिव की ओर से भुगतान कर दिया जाता है। इस तरह पंचायतों में कचरा सफाई के नाम पर कई गुना अधिक भुगतान दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट हो रही है। ग्राम पंचायत पहाड़िया, कोनिया, बुढेरा, मसुदपुरा, बिजरारी, रिछा, विजयपुर, किलौहा, काशीपुरा, महुआ, लिधौरा खुर्द, गुगौरा, दिद्ववारा, बहादुरपुरा कला, धवार, तुर्रा मुहार, शेरगढ़ नैपुरा सहित काफी अन्य ग्राम पंचायतों में यह खेल जमकर हो रहा है।
समाजसेवी राजू, महेश आदि ने कचरे के इस खेल की जांच कराने के लिए उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायती पत्र भेजा है। इस मामले में खंड विकास अधिकारी पनवाड़ी पीएन द्विवेदी का कहना है कि कचरा सफाई के इस्टीमेट में व्यय धन का ब्योरा लिया जा रहा है। जांच कराई जाएगी, इसके उपरांत अधिक भुगतान या अधिक एमबी की गई होगी तो कार्रवाई कर धनराशि की रिकवरी कराई जाएगी।