बिना संकल्प के कोई कार्य पूर्ण नहीं हो सकता
संवाद सूत्र (महोबा) बेलाताल: भीष्म प्रतिज्ञा को साधारण घटनाक्रम नहीं है, यह दर्शाता है कि बि
संवाद सूत्र (महोबा) बेलाताल: भीष्म प्रतिज्ञा को साधारण घटनाक्रम नहीं है, यह दर्शाता है कि बिना संकल्प के कोई बड़ा कार्य सिद्ध नहीं हो सकता। महाभारत कथा का मर्म समझाते हुए कथा वाचक ने उसका अर्थ भी समझाया।
कथा के तृतीय दिवस में ब्यास पीठ पर आसीन परम विदुषी निधि प्रिया कौशिक ने महाभारत का मार्मिक विवेचन करते हुए गंगा पुत्र भीष्म के जीवन चरित्र को बारीकियों के साथ विवेचित किया। उन्होंने कहा कोई भी कार्य बिना संकल्प शक्ति के पूर्ण नहीं हो सकता है। संसार में तीन तरह के मनुष्य हुआ करते हैं। एक कार्य करने के पहले सोच कर ही रुक जाते हैं। दूसरे कार्य को थोड़ा आगे बढ़ाने के बाद संघर्ष आते ही बीच में छोड़ दिया करते हैं। तीसरे नंबर के श्रेष्ठ पुरुष वह होते हैं जो कार्य को सोचते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचाकर ही दम लेते हैं। उन्होंने कहा जब तक हम घर में नारी का सम्मान नहीं करेंगे तब तक हमारा भारत देश श्रेष्ठ नहीं बन सकता है। यत्र नारी पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता। उन्होंने सुन्दर भजन प्रस्तुत करते हुए द्रोपदी की स्थिति का वर्णन किया कि हे अनाड़ी खीचें साड़ी टेर रही हूं मै दुखियारी लाज मेरी जा रही दईया तुम बचाओ कन्हैया। श्री राम महायज्ञ में हजारों की भीड़ श्री रघुनाथ धाम परिसर में पहुंच रही है। जिसमें भोर से ही श्रद्धालु भक्त यज्ञ शाला की परिक्रमा करने में जुट जाते हैं। पृरुषोतम मास में भक्त लोग यज्ञ कार्य कथा श्रवण पूजा अर्चन कर अपने जीवन को दिव्य बना रहे हैं।