दुविधा है पर मूर्तिकारों का हौसला नहीं टूटा
जागरण संवाददाता महोबा कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक शासन व प्रशासन की ओर से दुर्गा प्रतिमा
जागरण संवाददाता, महोबा : कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक शासन व प्रशासन की ओर से दुर्गा प्रतिमा रखने की इजाजत नहीं दी गई है। ऐसे में मूर्तिकार दुविधा में हैं, लेकिन उनका हौसला टूटा नहीं है। क्योंकि, उन्होंने शारदीय नवरात्र की तैयारियों के चलते पहले से ही दुर्गा जी की मूर्तियां तैयार कर ली थीं। कुछ श्रद्धालुओं ने तो आर्डर भी दे दिया था, लेकिन मूर्ति रखे की गाइडलाइन न आने के कारण श्रद्धालु व मूर्तिकार संशय में हैं।
कोराना महामारी के चलते सभी काम काज प्रभावित हुए हैं। लंबे समय के बाद धीरे-धीरे कामकाज शुरू तो हुआ है पर मंदी का असर देखने को मिल रहा है। सभी लोग अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में जुटे हैं। मूर्तिकार भी शारदीय नवरात्र पर्व को देखते हुए प्रतिमा बनाने में लगे हैं। नवरात्र पर भक्त नौ दिन तक पंडाल में दुर्गा प्रतिमा रखकर शक्ति की उपासना करते हैं। नवदुर्गा कमेटी के पदाधिकारी शासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। पंडाल में दुर्गा प्रतिमा स्थापित कराने की अनुमति मिल जाए तो तैयारियां शुरू की जाए। मोहल्ला रामनगर निवासी मूर्तिकार रमा हर साल की तरह शारदीय नवरात्र के लिए पिछले दो माह से दुर्गा प्रतिमा बना रहे हैं।
मूर्तिकार ने बताया कि उन्होंने गणपति की भी मूर्ति बनाई थी और लॉकडाउन की वजह से उनको घाटा लगा। इस बार उन्होंने 30 दुर्गा प्रतिमा बनाई हैं। इसमें अभी तक करीब 70 हजार रुपये का खर्च आ गया है। प्रतिमाओं को अंतिम रूप देना बाकी है। पांच दुर्गा प्रतिमाओं की बुकिग हो चुकी है। उन्होंने दो प्रकार की प्रतिमाएं बनाई हैं, जो पांच और सात हजार न्यौछावर पर दी जाएंगी। डर यह भी है कि सार्वजनिक दुर्गा पंडाल पर प्रशासन रोक न लगा दे तो उनको लंबा घाटा लग जाएगा। रमा 13 सालों से प्रतिमा बनाने का कार्य कर रहे हैं। हालांकि प्रतिदिन बहुत सारे लोग प्रतिमा का दाम पूछने पहुंचते हैं और आदेश आने की बात कहकर चले जाते हैं।