लोकल खुफिया नेटवर्क के सहारे पंचायतों की निगरानी
जागरण संवाददाता महोबा पंचायत चुनाव की सरगर्मी गांवों में बढ़ चली है। साथ ही पुराने विवादो
जागरण संवाददाता, महोबा : पंचायत चुनाव की सरगर्मी गांवों में बढ़ चली है। साथ ही पुराने विवादों की फाइलें गांव-गांव खुलने लगी हैं। चुनाव लड़ने की तैयारी और सामने वाले को मात देने को लेकर रंजिशें भी बढ़ गई हैं। हालात से निपटने के लिए पुलिस अपना पाला मजबूत कर रही है। हर गांव तो पुलिस पहुंच नहीं सकती इसके लिए गांव स्तर पर लोकल खुफिया तंत्र तैयार करके नजर रखी जा रही है। इसमें उनका नाम पुलिस सामने नहीं ला रही है।
पंचायतों में चुनाव के समय पुरानी से पुरानी रंजिश खुलने लगती है। वोट की राजनीति के कारण कई गुट तैयार हो जाते हैं। यही कारण है कि इस समय शिकायतों और मारपीट के मामलों में वृद्धि हो चली है। एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पंचायतों में खुफिया तौर पर निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित थाने की पुलिस हर गांव में क्रमवार चौपाल आयोजित कर ग्रामीणों से जुड़ने का प्रयास कर रही है। पुलिस मित्र की भी इसमें मदद ली जा रही है। जिले में 274 के करीब पंचायतों में तैनात चौकीदारों को भी सतर्क किया गया है। संवेदनशील गांवों की सूची तैयार हो रही है। इन गांवों में पिछले चुनाव के दौरान घटनाएं हुई थीं या फिर इधर कुछ साल में गुटबाजी को लेकर रंजिश पनप रही है वहां विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। तैयार हो रही कुंडली
पुराने मामलों में आरोपित या सजा पा चुके अपराधियों की कुंडली तैयार हो चुकी है। अभियान चला कर हिस्ट्रीशीटरों को जेल पहुंचाया जा रहा है। जो पकड़ में नहीं हैं उनकी तलाश के लिए टीम लगा दी गई हैं।