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सचिव से परेशान सदस्यों ने बैठक का किया बहिष्कार

जागरण संवाददाता, महोबा: हमीरपुर डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक की बोर्ड बैठक अव्यवस्थाओं

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 11:31 PM (IST)
सचिव से परेशान सदस्यों ने बैठक का किया बहिष्कार
सचिव से परेशान सदस्यों ने बैठक का किया बहिष्कार

जागरण संवाददाता, महोबा: हमीरपुर डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक की बोर्ड बैठक अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई। सचिव की कार्यशैली से परेशान सदस्य बैठक में नहीं पहुंचे और उन्होंने बहिष्कार कर दिया। जिससे अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। चेयरमैन के पहुंचने पर 12:30 बजे तक केवल चार सदस्य ही मौके पर पहुंचे। चेयरमैन ने बैठक अगली सूचना तक के लिए निरस्त कर दिया।

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बुधवार को हमीरपुर डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक की बोर्ड बैठक बुलाई गई थी। बैंक बोर्ड की डिप्टी चेयरमैन वंदना द्विवेदी के अनुसार उन्होंने सचिव व कार्यपालक अधिकारी की मनमानी के खिलाफ अपने दस सदस्यों के साथ बैठक का बहिष्कार कर दिया। वंदना का आरोप है कि डायरेक्टर्स की ओर से लाए जाने वाले प्रस्ताव बैठक में नहीं लिखे जाते हैं। कार्यपालक अधिकारी बाद में अपने मनचाहे तरीके से प्रस्ताव लिखते व काम करते हैं। बैठक में पिछले प्रस्तावों की पुष्टि भी नहीं की जाती है। इतना ही नहीं बैंक निरंतर घाटे पर जा रही है। आरोप है कि जो बैंक गत वर्ष तक 386 लाख के लाभ पर थी वह चार करोड़ के घाटे पर जा रही है। उन्होंने कार्यप्रणाली न बदलने तक आन्दोलन की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि बैंक हित किनारे रख कर बिना पुष्टि के कई भुगतान कर दिए गए। 22 लाख के खरीदे गए एटीएम कार्ड बोरों में बंद हैं। जब बैंक का अपना एटीएम नहीं है तो एटीएम कार्ड लेने की जरूरत क्या थी। बीते बोर्ड में एटीएम का प्रस्ताव पारित नहीं किया गया। मनमानी कार्यप्रणाली से महोबा जनपद की नौ शाखाएं घाटे पर हैं। इनकी तैनाती के पूर्व केवल तीन शाखाएं घाटे पर थीं। बैंकों को घाटे से उबारने के लिए कार्ययोजना पूछने व प्रबंधकीय व्यय कम करने की बात कही गई जिसे मनमाने तरीके से लागू किया गया।

बोर्ड में 14 सदस्य हैं, कोरम पूरा करने के लिए न्यूनतम 8 सदस्यों का होना जरूरी है। वंदना ने कहा कि नियमत: आधा घंटा प्रतीक्षा के बाद यदि सदस्य नहीं पहुंचते तो बैठक रद कर दि जाती है। 12 बजे तक केवल एक सदस्य ही बैठक में पहुंचे जिससे बैठक रद कर दी गई और आवश्यक प्रस्ताव पारित नहीं हो सके।

चेयरमैन चक्रपाणि त्रिपाठी ने इसे नाहक दबाव करार देते हुए कहा कि बीती बैठक में डायरेक्टर के प्रतिनिधियों के बैठने पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसलिए गुटबाजी के तहत सबको रोजा जा रहा है।


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