साथी को जेल भेजने पर वकीलों ने किया हंगामा
जागरण संवाददाता, महोबा : रेलवे व कलेक्ट्रेट में अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा व जमीन की पैमाइश
जागरण संवाददाता, महोबा : रेलवे व कलेक्ट्रेट में अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा व जमीन की पैमाइश न होने पर मुख्यालय के महतवानापुरा निवासी अधिवक्ता राजेंद्र उर्फ राजाबाबू ने अपने भाई राजेश महाराज के साथ जिला प्रशासन के न सुनने पर लखनऊ में सीएम आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। लेकिन लखनऊ पुलिस ने इससे पहले उन्हें पकड़कर महोबा पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने अधिवक्ता का शांतिभंग में चालान कर दिया और जेल भेज दिया। इससे गुस्साए अधिवक्ताओं ने हंगामा काटा। उनका कहना था कि अधिवक्ताओं ने जमानत दाखिल की लेकिन प्रशासन ने जमानत नहीं दी। अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल भी सीओ और एसडीएम से मिला लेकिन वार्ता बेनतीजा रही। अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में सांसद विधायक सहित डीएम एसडीएम के खिलाफ भी नारेबाजी की।
अधिवक्ताओं का कहना था कि आम नागरिकों के मामले में जमानत दाखिल करने पर बिना तस्दीक के जमानत दे दी जाती है। लेकिन अधिवक्ता और उसके मामले में प्रशासन ने तस्दीक का अड़ंगा लगा दिया। जबकि अधिवक्ता खुद जमानत पर थे। अधिवक्ता को जेल भेजे जाने से गुस्साए अधिवक्ताओं ने तहसील पहुंचकर जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया। जिससे यहां चल रहा संपूर्ण समाधान दिवस प्रभावित हुआ। इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता शारदा प्रसाद मिश्रा, रामदत्त तिवारी, चंद्रदत्त सुल्लेरे, एसएन दीक्षित, पूर्व अध्यक्ष राजकुमार द्विवेदी, सुखनंदन यादव, कृष्ण गोपाल द्विवेदी का प्रतिनिधि मंडल ने भी एसडीएम व सीओ से वार्ता की लेकिन वह भी बेनतीजा रही। अधिवक्ता समिति के महामंत्री चंद्रशेखर स्वर्णकार ने बताया कि बैठक बेनतीजा रही। अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। अधिवक्ताओं की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति बनाई जाएगी।